Uttarakhand विधायक दुष्कर्म मामले में बड़ी खबर, पीड़िता ने की CBI जांच की मांग, गृह सचिव को मेल किया
उत्तराखंड में इस वक्त सुर्खियों में छाए हुए विधायक दुष्कर्म प्रकरण में नया मोड़ आ गया है, पीड़ित महिला ने अब सीबीआई जांच की मांग की है, महिला ने पुलिस की जांच पर संदेह जताया है और कहा है कि विधायक के द्वारा झूठे गवाहों को पेश कर गवाही दिलवाई जा रही है। आपको बता दें कि विधायक दुष्कर्म प्रकरण इस वक्त उत्तराखंड में सुर्खियों में है, दरअसल द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी पर एक महिला ने आरोप लगाया है कि विधायक के उसके साथ लंबे समय से संबंध रहे हैं और विधायक से उस महिला की एक बेटी भी है। महिला लगातार इस मामले में डीएनए जांच करवाने की मांग कर रही है, वहीं विधायक की पत्नी के द्वारा महिला और उसके परिवार पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस इन दोनों मामलों की जांच कर रही है। पीड़ित महिला के विधायक पर दुष्कर्म के आरोपों की जांच देहरादून के डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने SIS को सौंपी हुई है और अब महिला ने इस पूरी जांच पर संदेह जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
मंगलवार को पीड़ित महिला ने राज्य के गृह सचिव नितेश झा की ऑफिशल मेल आईडी पर एक एप्लीकेशन भेजी है, इसमें पीड़िता ने पुलिस की जांच पर संदेह जताते हुए आरोप लगाया है कि विधायक फर्जी गवाहों को पेश कर रहे हैं। यह आरोप लगाते हुए महिला ने राज्य के गृह सचिव से इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की है।
दरअसल उत्तराखंड में यह मामला इस वक्त सुर्खियों में है, देहरादून पुलिस की ओर से दोनों पक्षों की शिकायतों पर जांच की जा रही है। महिला की दुष्कर्म की शिकायत पर देहरादून पुलिस की विशेष जांच प्रकोष्ठ जांच कर रहा है। इस सब के बीच हाल ही में एक ऑडियो वायरल हो गया था, जिसमें केस में विधायक की पत्नी के पक्ष में गवाही देने वाला एक सिपाही खुद के साथ मारपीट कर गवाही दिलवाने की बात कर रहा था, हालांकि इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। इसके बाद देहरादून पुलिस की ओर से इस सिपाही की दोबारा गवाही दिलवाई गई, इस बार गवाही की वीडियोग्राफी भी हुई है। वहीं पुलिस के द्वारा वायरल ऑडियो की जांच भी की जा रही है और सिपाही के साथ पहले गवाही देते वक्त किसी तरह की मारपीट की भी जांच की जा रही है। इससे पहले पीड़ित महिला बिना किसी आधिकारिक अनुमति के अपनी बेटी का डीएनए जांच करवा चुकी है, यह जांच पीड़िता ने अपनी बेटी का डीएनए अपने पति के डीएनए के साथ मिलाने के लिए किया था जो नहीं मिला ऐसा पीड़िता के द्वारा बताया गया है। बिना किसी आधिकारिक अनुमति के और अवैध तरीके से बेटी का डीएनए जांच करवाने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पीड़ित महिला को तलब किया है।
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