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Category Archives: Literature

कहानी संग्रह ‘रुकी हुई नदी’ की समीक्षा की साहित्यकारों ने, गांव और आम जनमानस से जुड़ा हुआ पाया

कहानी संग्रह ‘रुकी हुई नदी’ की समीक्षा की साहित्यकारों ने, गांव और आम जनमानस से जुड़ा हुआ पाया

5 August. 2023. Dehradun. कहानीकार शूरवीर सिंह रावत द्वारा लिखित रुकी हुई नदी कहानी संग्रह पर आज देहरादून में एक संवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया। साहित्यकारों ने सम्मिलित कहानियों Continue Reading »

पहाड़ और साहित्य दोनों को खलेगा शेखर जोशी का निधन, पढ़िए मिरर उत्तराखंड का खास संपादकीय

पहाड़ और साहित्य दोनों को खलेगा शेखर जोशी का निधन, पढ़िए मिरर उत्तराखंड का खास संपादकीय

5 Oct. 2022. प्रख्यात साहित्यकार शेखर जोशी का निधन न सिर्फ साहित्य जगत के लिए बल्कि उत्तराखंड के पहाड़ों के लिए भी एक बड़ी क्षति है। मंगलवार दोपहर को शेखर Continue Reading »

Uttarakhand श्राद्ध और पहाड़, सराद का भात, एक रोचक लेख श्राद्ध की परंपरा पर

Uttarakhand श्राद्ध और पहाड़, सराद का भात, एक रोचक लेख श्राद्ध की परंपरा पर

बातों बातों में :- पिताजी का श्राद्ध और सराद का भात (लेखक द्वारा ये आर्टिकल अपने स्वर्गीय पिताजी की याद में लिखा गया है ) : फिल्म ‘झुक गया आसमान’ Continue Reading »

साहित्य समीक्षा – लोकगंगा : मध्य हिमालय की जनजातियों पर केन्द्रित अंक

साहित्य समीक्षा – लोकगंगा : मध्य हिमालय की जनजातियों पर केन्द्रित अंक

उत्तराखण्ड को यहां के पर्वत, झरने, नदियों, तीर्थ और पर्यटन स्थलों के साथ यहां की सामाजिक विविधता ने भी खूबसूरती बख्शी है। विशेषकर यहां निवास करने वाली जनजातियां इस राज्य Continue Reading »

Uttarakhand बंगाण के समाज, भाषा एवं लोक साहित्य पर लिखी पहली किताब, उत्तरकाशी के मोरी तहसील का इलाका है बंगाण

Uttarakhand बंगाण के समाज, भाषा एवं लोक साहित्य पर लिखी पहली किताब, उत्तरकाशी के मोरी तहसील का इलाका है बंगाण

एक कुटीण थी औनि एक तिरौं बोटौ थौ। दुइंयां आपस माईं इली मिलिऔ रौऐण थै। कुटीण आपड़ै बोटे आरि बोलै थी कि जौ तांउंकै औड़ोस पौड़ोस दी बौंठिया नानै मिलैंण Continue Reading »

‘काऽरि तु कब्बि ना हाऽरि’, उत्तराखंड के शैक्षिक और सामाजिक इतिहास की झलक दिखाती एक जीवनी

‘काऽरि तु कब्बि ना हाऽरि’, उत्तराखंड के शैक्षिक और सामाजिक इतिहास की झलक दिखाती एक जीवनी

‘‘…तब इलाके में वधू-मूल्य चुकाने का चलन था। लड़के वाले कन्या पक्ष को नगदी में चांदी के कळदार तो देते ही थे, ऊपर से खुशामदें भी करते थे। वधू के Continue Reading »

कौन हैं पहाड़ों के नये ककड़ी चोर, किसने चुराई भागीरथी आमा की ककड़ी, पढ़िए आपको जड़ों से जोड़ता ये आलेख

कौन हैं पहाड़ों के नये ककड़ी चोर, किसने चुराई भागीरथी आमा की ककड़ी, पढ़िए आपको जड़ों से जोड़ता ये आलेख

पहाड़ों की पहाड़ जैसी जिन्दगी जीते-जीते बहुत बड़ा बदलाव हो गया। चंद राजाओं की प्राचीन राजधानी चंपावत के आसपास कई गांव हैं। ये गांव भी इस बदलाव से अछूते नहीं Continue Reading »

पढ़िए कैसे उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक प्रतिनिधि हैं लोकोत्सव और मेले – डा. नंदकिशोर हटवाल

पढ़िए कैसे उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक प्रतिनिधि हैं लोकोत्सव और मेले – डा. नंदकिशोर हटवाल

उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक प्रतिनिधि हैं लोकोत्सव और मेले उत्सव, मेले और त्योहारों का मनुष्य के सामाजिक जीवन में अहम् स्थान होता है। वो किसी भी देश, धर्म, सम्प्रदाय में निवास Continue Reading »

‘को बणौल पधान’, एक कुमांउनी भाषा की कविता, पंचायत चुनाव पर लेखक के विचार

‘को बणौल पधान’, एक कुमांउनी भाषा की कविता, पंचायत चुनाव पर लेखक के विचार

हलचल हैरै आब ऐगी चुनाव, फेसबुक मुबाईल में मारण रयी उच्छयाव। क्वें जोड़न लागि रयीं आब हाथ, क्वें चाण फैगी आब दयाप्तों थान।  गौनूँक बाखई में या माल धारकिं दुकान, गौ गौनूंमें सब Continue Reading »

शूरवीर रावत की लिखी पुस्तक ‘मेरे मुल्क की लोककथाएं’ की समीक्षा डा. नंदकिशोर हटवाल द्वारा

शूरवीर रावत की लिखी पुस्तक ‘मेरे मुल्क की लोककथाएं’ की समीक्षा डा. नंदकिशोर हटवाल द्वारा

मेरे मुल्क की लोककथाएं क्या आपने ये किस्सा सुना है कि एक शादी में लड़की वालों ने लड़के वालों के सामने शर्त रखी कि बाराती सभी जवान आने चाहिए, बूढ़ा Continue Reading »

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