Skip to Content

उत्तराखंड – राज्य में खड़ी हो सकती है बड़ी समस्या, सरकार हल निकालने में जुटी पर टकराव बढ़ा

उत्तराखंड – राज्य में खड़ी हो सकती है बड़ी समस्या, सरकार हल निकालने में जुटी पर टकराव बढ़ा

Closed
by January 29, 2019 News

उत्तराखंड में राज्य सरकार और करीब साढ़े तीन लाख कर्मचारी आमने सामने आ गए हैं इन कर्मचारियों ने 31 जनवरी को अपनी मांगों के समर्थन में सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा की है, जिसको देखते हुए राज्य सरकार सख्त हो गई है। शासन ने सभी विभागों को स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली हड़ताल कर्मचारी आचरण नियमावली के अंतर्गत प्रतिबंधित है। इसी कड़ी में शासन ने उत्तराखंड अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति के 31 जनवरी और चार फरवरी को प्रस्तावित आंदोलन कार्यक्रम के तहत किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकृत न करने के निर्देश दिए हैं। 

उधर कर्मचारी संघ 31 जनवरी को सामूहिक अवकाश और फिर चार फरवरी को परेड मैदान से सचिवालय तक रैली निकालने को लेकर अडिग है।  कर्मचारी संगठनों का कहना है कि राज्य सरकार उनकी मांगें मानने की जगह दमनकारी कदम उठाने की बात कह रही है, लेकिन वो अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे और सरकार ने अगर उनकी मांगें नहीं मानी तो आंदोलन को और तेज करेंगे । वहीं अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने प्रदेश में अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शिक्षकों के हड़ताल/कार्य बहिष्कार के संबंध में जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि हड़ताल राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के अंतर्गत प्रतिबंधित है। उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति के 23 जनवरी के पत्र अनुसार 31 जनवरी एवं चार फरवरी को प्रस्तावित आंदोलन कार्यक्रम के अंतर्गत अवकाश नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए। 

कर्मचारियों की मांग

  • आवास भत्ते में 8,12,16 प्रतिशत वृद्धि।
  • वर्तमान एसीपी के स्थान पर एसीपी की पूर्व व्यवस्था लागू हो।
  • शिथिलीकरण को 2010 के यथावत रखें।
  • पुरानी पेंशन की बहाली की जाए। 
  • सरकारी अस्पतालों में रेफर करने की व्यवस्था समाप्त हो।
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 4200 ग्रेड-पे।
  • वाहन चालकों को 4800 ग्रेड-पे दिया जाए।
  • उपनल कर्मियों को समान कार्य-समान वेतन।
  • 2005 से पहले के निगम कर्मचारियों को स्वायत्तशासी निकायों के समान पेंशन।

अगर सरकार और कर्मचारियों के बीच में बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकाला गया तो इस टकराव के कारण आने वाले दिनों में आम जनता को काफी परेशानी हो सकती है वहीं सरकारी कामकाज में भी देरी हो सकती है। इस आंदोलन में अधिकतर शिक्षक संघों के शामिल होने के कारण भी आगामी परीक्षाओं को देखते हुए सरकार के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है ।

( हमसे जुड़ने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)

Mirror News

Previous
Next
Loading...
Follow us on Social Media