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उत्तराखंड – लाखों कर्मचारियों की हड़ताल में जाने की आहट, सीएम ने कहा भत्तों पर फिर विचार होगा

उत्तराखंड – लाखों कर्मचारियों की हड़ताल में जाने की आहट, सीएम ने कहा भत्तों पर फिर विचार होगा

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by January 24, 2019 News

मकान किराये भत्ते में वृद्धि समेत दस सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी व शिक्षकों ने एलान किया है कि चार फरवरी को प्रदेश स्तरीय महारैली के जरिए सचिवालय कूच कर सरकार के विरुद्ध प्रदेशव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला लिया जाएगा। कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए नोटिस में सरकार को समाधान के लिए 30 जनवरी तक का समय दिया गया है। प्रदेश के लगभग सभी कर्मचारियों के हड़ताल में जाने की धमकी को देखते हुए राज्य सरकार भी चिंतित हो गई है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार दिन में एक ट्वीट कर कहा ” सरकारी कर्मचारियों के भत्तों के मामले पर पुनर्विचार के लिए मुख्य सचिव, वित्त सचिव, सचिव कार्मिक की आज शाम बैठक बुलाई गई है। मैं आश्वस्त करता हूं, कर्मचारियों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। ” दरअसल राज्य में संयुक्त कर्मचारी संगठन को एक बड़ी राजनीतिक ताकत माना जाता है और बीजेपी की सरकार आने वाले आम चुनाव को देखते हुए कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है !

इस सबके बीच प्रदेश में करीब दो लाख सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ एक फरवरी से मिलेगा, जिसमें कर्मचारियों के 15 विशेष भत्ते समाप्त कर दिये हैं, जोकि कर्मचारियों को पहले से मिलते आए हैं, इससे कर्मचारियों के वेतन भी कम हो रहे हैं, यह भी कर्मचारियों के गुस्से का एक कारण है।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

1 – मकान किराये भत्ते की देयता 8, 12 व 16 प्रतिशत के अनुरूप मंजूर करते हुए अन्य देय भत्तों में वृद्धि की जाए। 

2 – राज्य/निगम कर्मचारियों के लिए वर्तमान में लागू एसीपी की व्यवस्था के स्थान पर पूर्व व्यवस्था के अनुरूप 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए। 

3 – ऊर्जा विभाग में पूर्व व्यवस्था 9, 14 व 19 वर्ष पर वेतन मैट्रिक्स के आधार पर एसीपी दी जाए। 

4- सभी शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में तीन प्रोन्नति और तीन एसीपी लाभ अनिवार्य किए जाएं। 

5 – प्रदेश में राज्य कर्मियों के पक्ष में जारी होने वाले शासनादेशों को एक समान रूप से सभी निगम, निकाय, संस्थान, प्राधिकरण व जिला पंचायत के कार्मिकों पर लागू किया जाए। 

6- शिथिलीकरण नियमावली 2010 को यथावत लागू किया जाए। 

7 -नई पेंशन आयोजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।

8-अटल आयुष्मान योजना के तहत लाभ पाने वाले सभी कार्मिकों को सरकारी चिकित्सालय से रेफर होने की अनिवार्यता की बाध्यता खत्म कर एक समान नीति को लागू किया जाए।

9-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अन्य संवर्गों की तरह स्टाफिंग पैर्टन का लाभ देते हुए ग्रेड वेतन 4200 का लाभ दिया जाए। 

10-राजकीय वाहन चालकों को स्टाफिंग पैटर्न के प्रथम स्तर ग्रेड वेतन 2400 को नजरअंदाज कर 2800, 4200 व 4600 को मंजूर किया जाए। 

11-एक जनवरी 2006 या उसके बाद सीधी भर्ती या पदोन्नति पाए कर्मचारियों के शुरूआती वेतन का निर्धारण वित्त विभाग के ताजा शासनादेश के आधार पर हो। 

12-उपनल-आउटसोर्स कर्मचारियों को समान कार्य के अनुरूप समान वेतन दिया जाए।

13-स्वायतशासी निकायों की तरह निगमों में भी पूर्व से कार्यरत कार्मिकों को पेंशन व्यवस्था का लाभ दिया जाए। 

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