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उत्तराखंड : पकोड़ी की दुकान से बचे वक्त में पढ़ाई, सागर ने पास की देश की सबसे कठिन परीक्षा

उत्तराखंड : पकोड़ी की दुकान से बचे वक्त में पढ़ाई, सागर ने पास की देश की सबसे कठिन परीक्षा

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by March 21, 2019 News

चमोली – कहते हैं कि प्रतिभा किसी भी चीज की मोहताज नहीं होती है। यदि मेहनत और सच्ची लगन से कोई कार्य किया जाय तो सफलता जरूर मिलती है। ऐसी ही एक प्रतिभा से आपको रूबरू करवाते हैं। इंजीनियर सागर शाह आज पहाड़ के छोटे कस्बों के होनहार छात्रों के लिए किसी प्रेरणास्रोत से कम नहीं है। सागर शाह पीपलकोटी के रहने वाले है। सागर नें 12 वीं पीपलकोटी के सरकारी स्कूल से पूरी की, जिसके बाद देहरादून से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद वर्तमान में इंजीनियरिंग काॅलेज कोठियालसैण (चमोली) में अध्ययनरत है।

गौरतलब है कि पीपलकोटी जैसे छोटे कस्बे में वर्तमान में गेट की पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल और कोचिंग संस्थान उपलब्ध नहीं हैं। वहीं सागर को काॅलेज की पढ़ाई के बाद और छुट्टियों में अपनी पकोड़ी की दुकान में हाथ भी बटाना पड़ता था। उसके बाद जितना भी समय मिलता था सागर गेट की परीक्षा की तैयारी करता। सागर की जिद थी की हर हाल में उसे गेट की परीक्षा उत्तीर्ण करनी है। गेट की परीक्षा को उत्तीर्ण करना बेहद कठिन माना जाता है। खासतौर पर पहाड़ के छात्रों से इसकी उम्मीद भी नहीं की जाती है। बेहद होनहार और प्रतिभावान सागर नें कड़ी मेहनत के बलबूते पर अपने पहले ही प्रयास में देश की प्रतिष्ठित गेट परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफलता प्राप्त की। सागर की सफलता से पीपलकोटी सहित उसके इंजीनियरिंग काॅलेज में भी खुशी का माहौल है। सागर नें अपनी सफलता का श्रेय अपने ताऊजी ललित शाह, पिताजी मोहित शाह, माँ और काॅलेज के गुरूजनो को दिया। बकौल सागर पहाड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है तो केवल खुद पर भरोसा और मेहनत करने पर।

आपको बताते चले की पीपलकोटी मुख्य बाजार में इनकी एक छोटी सी लेकिन बहुत प्रसिद्ध दुकान है शाहजी की पकोड़ी की दुकान। देश के अंतिम गाँव नीती-माणा से लेकर दिल्ली, पंजाब, कश्मीर तक इस दुकान की पकोड़ी की धूम है। स्थानीय लोगों से लेकर तीर्थयात्रीयों और सेना के जवान तक इनकी पकोड़ी के मुरीद हैं। जो एक बार खा लें तो हर बार जरूर यहां रूकता है पकोड़ी खाने के लिए। शादी ब्याह से लेकर अन्य कार्यक्रमों में भी इनकी पकोड़ी की भारी मांग होती है।

— क्या है गेट परीक्षा !

गेट (GATE) का मुख्य उदेश्य विद्यार्थियों की गुणवत्ता का परिक्षण करना और मुल्यांकन करना है, की क्या वे भारत के प्रिमियम संस्थानों में उच्चतर अध्ययन के लिए योग्य है, या नही है। GATE (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) यह परीक्षा एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, इस परीक्षा के माध्यम से छात्रों को एम.टेक एवं पीएचडी पाठ्यक्रमो मे प्रवेश प्राप्त होता है, इस परीक्षा को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर द्वारा राष्ट्रीय समन्वय बोर्ड गेट (GATE) उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) भारत सरकार और सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के माध्यम से आयोजित किया जाता है। इन आठ संस्थानों के पास गेट (GATE) परीक्षा आयोजित करने का एकमात्र अधिकार है।

— देश की बेहद कठिन परीक्षाओं में है गेट परीक्षा!

गेट परीक्षा को बेहद कठिन माना जाता है। हर साल लाखों युवा इस परीक्षा में बैठते हैं जिनमें से कुछ ही युवा सफल हो पाते हैं। इस परीक्षा का आयोजन कम्प्यूटर बेस्ड किया जाता है, जिसके अंतर्गत 100 अंकों के लिए कुल 65 प्रश्न पूछे जाते हैं। यह परीक्षा दो भागों में विभाजित होती है। इसमें जनरल एप्टिट्यूड, इंजीनियरिंग मैथ और कोर इंजीनियरिंग विषयों से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है। परीक्षा में मल्टिपल चॉइस (MCQs) और रिक्त स्थान दोनों प्रकार के प्रश्नों का समावेश रहता है। गलत उत्तर के लिए नकारात्मक अंकन किया जाता है।

— गेट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद यहांं मिलता है दाखिला और नौकरी के अवसर !

इसी चुनौतीपूर्ण और ऑल इंडिया लेवल की परीक्षा के जरिए देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों (आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी एवं अन्य) में एमटेक, एमई और पीएचडी जैसे मास्टर व डॉक्टोरल कोर्सेज में दाखिला मिलता है। इसके अलावा देश की बहुत सी पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) कंपनियां भी इसी परीक्षा के जरिए भर्तियां करती हैं। यही नहीं बहुत सी स्कॉलरशिप के लिए भी इसी परीक्षा के प्राप्तांक मान्य होते हैं।

— ये बैठते हैं इस परीक्षा में !

जिनके पास चार वर्षीय इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी की बैचलर डिग्री हो (B.E./ B.Tech./ B.Pharm.) या जिन्होंने आर्किटेक्चर में बैचलर किया हो अथवा अध्ययनरत हो। गेट का स्कोर कुल तीन साल के लिए मान्य रहता है। इस टेस्ट को आप कितनी भी बार दे सकते हैं। इसके प्रयासों की संख्या की कोई सीमा नहीं है।

Sanjay Chauhan, Journalist, Mirror News

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