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वर्तमान व भूतपूर्व NCC कैडेट्स के लिए बड़ी खबर, इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर लॉन्च, वर्दी देने का नियम भी बदला, बैंक खाते भी खुलेंगे

वर्तमान व भूतपूर्व NCC कैडेट्स के लिए बड़ी खबर, इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर लॉन्च, वर्दी देने का नियम भी बदला, बैंक खाते भी खुलेंगे

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by July 7, 2023 News

7 July. 2023. New Delhi. डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया मिशन के साथ तालमेल बिठाने की दिशा में एक बड़े कदम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में एक एनसीसी इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर लॉन्च किया। एनसीसी इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर, भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन और जियो इंफॉर्मेटिक्स के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। यह कैडेटों के लिए एक सिंगल विंडो इंटरैक्टिव सॉफ्टवेयर है, जिसे ‘एंट्री टू एग्जिट मॉडल’ पर डिजाइन किया गया है।

एनसीसी इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक बार कैडेट, हमेशा कैडेट” के दृष्टिकोण पर आधारित है और एनसीसी में कैडेट के रूप में नामांकन के चरण से लेकर पूर्व छात्र के रूप में पंजीकरण तक की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बना देगा। इससे प्रमाणपत्रों को निर्बाध रूप से जारी करने और रोजगार के लिए एनसीसी कैडेटों का एक अखिल भारतीय डेटाबेस तैयार करने में मदद मिलेगी।

इस कार्यक्रम के दौरान एनसीसी और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बीच डेबिट कार्ड, चेकबुक और पासबुक सुविधा के साथ सभी एनसीसी कैडेटों के शून्य शेष खाते खोलने के लिए रक्षा मंत्री की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू से हर साल लगभग 5 लाख कैडेट लाभान्वित होंगे। खाता प्रशिक्षण पूरा होने या 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने, जो भी बाद में हो, तक क्रियाशील रहेगा। यह न केवल कैडेटों को राष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली से परिचित कराएगा बल्कि उन्हें अपने खातों में धनराशि के डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए एक तैयार मंच भी प्रदान करेगा।

सरकार की डीबीटी पहल के तहत रक्षा मंत्रालय ने भौतिक वर्दी वितरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निर्बाध बनाने के लिए इसमें सुधार किया है, जिससे एनसीसी कैडेटों के बैंक खातों में वर्दी भत्ते के सीधे बैंक हस्तांतरण की अनुमति मिल गई है। यह मौजूदा केंद्रीय खरीद और वितरण प्रक्रिया का स्थान लेगा। एनसीसी वर्दी के प्रावधान के लिए वर्दी भत्ता अब देश के दूरदराज के हिस्सों तक कैडेटों के इन बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा।

इस अवसर पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने एनआईसी और डीबीटी की शुरुआत करके एनसीसी के डिजिटलीकरण में उनके प्रयासों के लिए एनसीसी, बीआईएसएजी और एसबीआई के अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि ये कदम निश्चित रूप से देश भर में एनसीसी से संबंधित जानकारी तक त्वरित पहुंच प्रदान करेंगे और वर्तमान और भविष्य के कैडेटों दोनों को लाभान्वित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान रक्षा सचिव गिरिधर अरामने, डीजीएनसीसी लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह, एवीएसएम, वीएसएम के साथ मंत्रालय, एनसीसी, बीआईएसएजी और एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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