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विदेशों में भी छा रही है उत्तराखंड चाय, लेकिन चाय बागानों की संख्या धीमे बढ़ रही

जब भारत में अंग्रेजों का शासन था तब उत्तराखंड के बेरीनाग की चाय देश-विदेशों में प्रसिद्ध थी और आजादी के बाद राज्य के सभी चाय के बाग खत्म हे गए। 1996 में जब ये उत्तरप्रदेश का हिस्सा था, उस समय की सरकार ने यहां फिर से चाय के उत्पादन को शुरू करने का निर्णय लिया, अलग राज्य बनने  के बाद यहां की सरकारों ने कौसानी, बेरीनाग, चमोली और चंपावत के…

पढ़िए क्या सचमुच ये एलियंस का स्पेसशिप है ? जो दो महीने हमारे अंतरिक्ष में रहा…

अक्टूबर महीने से हमारे सौर मंडल में चक्कर काट रही ये विशेष आकृति वैज्ञानिकों के लिए कौतुहल का विषय बनी हुई है, दरअसल ये हमारे सौरमंडल में नहीं था और अचानक कहीं बाहर से सौरमंडल में प्रवेश कर गया, वैज्ञानिकों को लगा कि ये कोई परग्रही तकनीक हो सकती है। इसको अक्टूबर महीने में दुनिया के कई बड़े टेलीस्कोप ने पकड़ा था, इसका नाम ओमुआमु रखा गया, जिसे हवाई भाषा…

बुरी तरह चरमरा गई है उत्तराखंड की सरकारी शिक्षा, निजी स्कूल काट रहे हैं चांदी

उत्तराखंड शिक्षा व्यवस्था में काफी पीछे चला गया है, सरकारी स्कूलों में छात्रों की कमी के कारण 2000 के करीब स्कूल या तो बंद हो चुके हैं या बंद होने के कगार पर हैं। दरअसल यहां अधिकतर लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाते हैं, जिस कारण सरकारी स्कूलों में छात्र इतने कम हो गए हैं कि सरकार को स्कूल बंद करने पड़े हैं और आने वाले में कुछ…

रानी है ये पहाड़ों की – मसूरी

मसूरी भारत के उत्तराखंड प्रान्त का एक नगर है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मसूरी उन स्थानों में से एक है जहां लोग बार-बार जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के शिवालिक श्रेणी में पड़ता है, जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। निकटवर्ती लैंढ़ौर कस्बा भी बार्लोगंज और झाड़ीपानी सहित वृहत या…

भगवान शिव का मंदिर केदारनाथ

उत्तर भारत में सबसे पवित्र तीर्थस्थानों में से एक, केदारनाथ उत्तराखंड में स्थित है। यह मंदाकिनी नदी के प्रमुख के निकट समुद्र तल से 3,584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान, केदारनाथ भारत के छोटे चार धाम तीर्थ यात्रा में चार प्रमुख स्थलों में से एक है जिसमें बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री शामिल हैं। यह चार  धाम स्थलों में से सबसे दूर है…

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