Uttarakhand कविता वायरल, कान खोलकर सुनलो दिल्ली, नींद से जागो देहरादून….
उत्तराखंड में जनता का मुद्दा बन रहे ‘भूमि कानून’ पर एक कविता सोशल मीडिया पर वायरल होती जा रही है।
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कान खोलकर सुन लो दिल्ली, नींद से जागो देहरादून।
देवभूमि की जनता अब के, मांग रही है “भू-कानून”।।
ये देवभूमि तुमने बतलाओ, किसके हवाले छोड़ी है।
कोई भी आकर बस जाए, ये “धर्मशाला” थोड़ी है।।
देवभूमि का नौजवान, मुम्बई दिल्ली में भटक रहा।
और यहां की सुख सुविधाएं, कोई और ही गटक रहा।।
उत्तराखंड के लोगों को, ना शिक्षा ना रोजगार मिला।
20 साल से हम सबको क्यों, धोखा ही हर बार मिला।।
सपनों के उत्तराखंड के लिए, सैकड़ों ने दी है कुर्बानी।
खून तुम्हारा नहीं खौलता, क्या खून हो गया है पानी।।
सत्ता में बैठे नेताओ, इस बार ये काम तुम खास करो।
50 साल के मूल निवास का, कानून जल्दी पास करो।।
ध्यान रहे ये देवभूमि, जम्मू कश्मीर ना बनने पाए।
अपनी कोख से कोई माँ, “आतंकी” ना जनने पाए।।
जागो देवभूमि के लोगो, सबके मन में ये जोश भरो।
हमें चाहिए “भू-कानून”, इस नारे का “उद्घोष”करो।।
जो करे पहल इन कानूनों की, वो सरकार हमारी है।
करे विरोध इन आवाजों का, तो “संस्कृति” की हत्यारी है।
अब के तो इस राज्य का पूरा, वोट उसी को जाएगा।
जो देवभूमि की रक्षा हेतु , जल्दी “भू-कानून” लाएगा।।
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