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अंकिता भंडारी के परिजनों को मुख्यमंत्री ने 25 लाख की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए, वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से मना किया, विभिन्न संगठनों का विरोध-प्रदर्शन भी जारी

अंकिता भंडारी के परिजनों को मुख्यमंत्री ने 25 लाख की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए, वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से मना किया, विभिन्न संगठनों का विरोध-प्रदर्शन भी जारी

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by September 28, 2022 News

28 September. 2022. Dehradun. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिवंगत अंकिता भण्डारी के परिजनों को 25 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अधिकारियों को इसके लिये निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी। मामले की एसआईटी जांच की जा रही है। पूर्ण निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी। मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने। पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिये फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए माननीय न्यायालय से अनुरोध किया गया है।

देहरादून में इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया, इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण मेहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और तमाम अन्य नेता मौजूद रहे! कांग्रेस के इस प्रदर्शन को यूकेडी, वामपंथी दलों और दूसरे संगठनों ने भी समर्थन दिया। इस दौरान मांग की गई कि उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की अध्यक्षता में इस मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए। हल्द्वानी सहित राज्य की कुछ दूसरी जगहों पर भी छात्रों और सामाजिक संगठनों ने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर रैलियां निकाली।

वहीं देहरादून में रायवाला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता विपिन करणवाल के द्वारा अंकिता भंडारी और उसके परिजनों पर फेसबुक के माध्यम से की गई गलत टिप्पणी पर भी लोगों में आक्रोश दिखा, यहां ग्रामीणों और स्थानीय लोगों ने विपिन करणवाल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और कुछ देर के लिए हरिद्वार-देहरादून मार्ग को जाम कर दिया।

उधर कोटद्वार में अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी और उसके साथ गिरफ्तार दो अन्य आरोपियों की पैरवी करने से वकीलों ने मना कर दिया, यहां कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेने और जमानत की सुनवाई होनी थी, जो इस कारण नहीं हो पाई। बार एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि अगर कोई वकील बाहर से भी आरोपियों की पैरवी करने के लिए आता है तो उसका विरोध किया जाएगा। यहां भी सीबीआई जांच की मांग को लेकर कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया गया।

इस बीच भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल ने अंकिता भंडारी के गांव डोभ श्रीकोट पहुँचकर उनके माता पिता एवं परिजनों से मुलाकात कर शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि इस दुःख की घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी एक मां हूँ और उनके दर्द को भली भांति समझ सकती हूँ। कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने बेटी अंकिता को न्याय दिलाने के लिए त्वरित कार्यवाही करते हुए एसआईटी का गठन किया एवं मामले को फ़ास्ट ट्रैक अदालत में ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेटियां हमारा गौरव हमारा अभिमान हैं,उनके सम्मान को ठेस पहुँचाने वाले किसी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मामले पर बेहद गम्भीर हैं और त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपियों को जेल भेजा गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में संलिप्त किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा चाहे वो कितना भी बड़ा रसूखदार क्यों न हो। दोषियों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही की जाएगी जो एक नजीर साबित होगी। इससे पूर्व मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर अंकिता के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की मांग एवं महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सुझाव दिए थे। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष महिला मोर्चा सुषमा रावत,गढ़वाल संयोजक अनिता बुड़ाकोटी,मंडल महामंत्री सुमन किर्सवाण एवं महिला मोर्चा की कार्यकर्ता मौजूद थे।

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