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खाक हो रहे हैं उत्तराखंड के जंगल, आग रोकने में संसाधन नाकाफी, वन विभाग ने मांगे हेलीकॉप्टर

खाक हो रहे हैं उत्तराखंड के जंगल, आग रोकने में संसाधन नाकाफी, वन विभाग ने मांगे हेलीकॉप्टर

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by May 15, 2019 News

उत्तराखंड में इस बार जंगलों में लगने वाली आग से जैव संपदा और वन्यजीवों का काफी नुकसान हो रहा है, पूरे उत्तराखंड के जंगलों में लगातार लग रही आग से वन विभाग परेशान है, आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही है और जब तक आग पर काबू पाया जा रहा है जंगल का काफी हिस्सा नष्ट हो जा रहा है।

प्रदेश में मौजूदा फायर सीजन में अब तक जंगल की आग की घटनाओं की संख्या 818 पहुंच गई है, जिनमें 1044 हेक्टेयर जंगल झुलसा है। आग से अब तक वन संपदा को 17.13 लाख रुपये की क्षति होने का अनुमान है। राज्यभर में जंगलों की बेकाबू होती आग ने वन महकमे की बेचैनी बढ़ा दी है। हालांकि, आग ग्रामीणों के साथ ही पुलिस, राजस्व, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड व पीआरडी के जवानों के सहयोग से वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। 

वन आपदा प्रबंधन विभाग के अफसरों के मुताबिक आग से अब 1044.035 हेक्टेयर वन को नुकसान पहुंचा है। जबकि वन विभाग को अब तक 17,13,411 रुपये का नुकसान हो चुका है। दूसरी ओर वनाग्नि पर काबू पाने को लेकर वन आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। 

आला अधिकारियों के आदेश पर वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी आग के लिहाज से संवेदनशील इलाकोें में दिन-रात गश्त कर रहे हैं। वनाग्नि की घटनाएं न हो, इसके लिए जंगलोें के आसपास रहने वाले लोगों को क्या करें, क्या न करें की भी जानकारी दी जा रही है। ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि यदि आग लगने की जानकारी मिले तो तत्काल इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को दी जाए ताकि समय रहते उस पर काबू पाया जा सके। 

इस सबके बीच वनाग्नि से जहां राज्य के जंगल तबाह हो रहे हैं। वहीं प्रमुख वन संरक्षक समेत वन विभाग के छह अफसर विदेश यात्रा पर लंदन और पौलेंड रवाना हो गए हैं। शासन की ओर से इन अफसरोें को विदेश जाने की अनुमति दे दी गई थी। प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने अपना कार्यभार मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक रंजना काला को लिखापढ़ी में सौंपा है।

विभाग की ओर से राज्य सरकार से प्रदेश के जंगलों में निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर की मांग भी की गई है कुल मिलाकर आग से लगातार हो रहा नुकसान जारी है वहीं पारंपरिक तरीके से आग पर काबू पाने में लगने वाले समय में काफी जैव संपदा का नुकसान हो रहा है।

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