उत्तराखंड – योजना बनी किसानों के कल्याण के लिए, लेकिन फायदा उठा रही हैं बीमा कंपनियां
अगर किसानों के लिये बनाई गयी फसल बीमा योजना का फायदा किसानों को कम और फसल बीमा कंपनियों को ज्यादा हो तो , ये वाकेई चौंकाता है । उत्तराखंड में कुछ ऐसा ही हुआ है, केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करने को लेकर एक आरटीआई के खुलासे में जो तथ्य सामने आये हैं वो हैरान कर देने वाले हैं । हल्द्वानी के आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया को जो जानकारी कृषि विभाग ने दी है उसके अनुसार पिछले पांच वर्षों में राज्य के सिर्फ 4,80,607 किसानों को फसल बीमा योजना से जोड़ा गया है, जिनमें से 40,738 किसानों को उनके फसल के नुकसान पर करीब 796 लाख रुपये की धनराशि बीमा कंपनियों ने दी है ।
इस जानकारी में बताया गया है कि राज्य सरकार की ओर से बीमा कंपनियों को करीब 600 लाख रुपये का प्रीमियम दिया गया है, 200 लाख रुपये के करीब क्रॉप कटिंग योजना के नाम पर दिये गये हैं । आपको बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर 50-50 फीसदी रकम प्रीमियम के तौर पर बीमा कंपनियों को दी जाती है, इस हालत में केन्द्र ने 600 लाख रुपये के करीब बीमा कंपनियों को दिये हैं । इस जानकारी से साफ है कि बीमा कंपनियों को जो राशि मिली है, उसका आधा ही किसानों को मिला है । आपको बता दें कि राज्य में ये बीमा योजना 18 बीमा कंपनियां चला रही हैं, ऐसे में किसानों के लिये बनी योजना से मोटी कमाई बीमा कंपनियां कर रही हैं । आरटीआई में ये भी जानकारी मिली है कि 2014 से हर वर्ष इस योजना में किसानों के पंजीकरण में भी कमी आई है ।
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