Skip to Content

पीएम मोदी की यात्रा से भारत और सिंगापुर के बीच और बढ़ी नजदीकी, सेमीकंडक्टर, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण समझौते

पीएम मोदी की यात्रा से भारत और सिंगापुर के बीच और बढ़ी नजदीकी, सेमीकंडक्टर, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण समझौते

Closed
by September 5, 2024 News

5 September. 2024. Singapore. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से भेंट की। प्रधानमंत्री मोदी का प्रधानमंत्री वोंग ने संसद भवन में औपचारिक स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने अपने वार्तालाप के दौरान भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापकता, आपसी जुड़ाव और अपार संभावनाओं को देखते हुए इस संबंध को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया। इससे भारत की एक्ट ईस्ट नीति को भी अत्यधिक प्रोत्साहन मिलेगा। आर्थिक संबंधों में मजबूत प्रगति की समीक्षा करते हुए दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश प्रवाह को और बढ़ाने का भी आह्वान किया गया। प्रधानमंत्री ने उल्लेक किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 160 अरब डॉलर के निवेश के साथ सिंगापुर भारत का प्रमुख आर्थिक साझेदार है। उन्होंने कहा कि भारत में त्वरित और सतत विकास ने सिंगापुर की संस्थाओं के लिए निवेश के अपार अवसर खोले हैं। उन्होंने रक्षा और सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र जागरूकता, शिक्षा, एआई, फिनटेक, नवीन प्रौद्योगिकी क्षेत्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं ज्ञान साझेदारी के क्षेत्र में वर्तमान सहयोग की भी समीक्षा की। दोनों नेताओं ने आर्थिक और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए देशों के बीच संपर्क को मजबूत बनाने का आह्वान किया। उन्होंने हरित गलियारा परियोजनाओं में तेजी लाने की भी प्रतिबद्धता जताई।

दोनों नेताओं ने अगस्त 2024 में सिंगापुर में आयोजित दूसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के परिणामों पर विचार-विमर्श किया। मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन जैसी असाधारण व्यवस्था को देखते हुए, द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक नए एजेंडे पर विचार-विमर्श करने और उसकी पहचान करने में दोनों पक्षों के वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की गई। मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के दौरान चिन्हित सहयोग के स्तंभों- उन्नत विनिर्माण, संपर्क, डिजिटलीकरण, स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा, कौशल विकास और स्थिरता के तहत त्वरित कार्रवाई का आह्वान किया। नेताओं ने इस बात पर भी बल दिया कि इन स्तंभों के अंतर्गत सहयोग, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में, द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय खोलता है जो हमारे संबंधों को भविष्योन्मुखी बनाता है।

बैठक के दौरान, 2025 में द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने पर भी चर्चा की गई। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को एक महत्वपूर्ण घटक के तौर पर स्वीकारते हुए, प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत का पहला तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र सिंगापुर में खोला जाएगा। दोनों पक्षों ने आपसी हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें भारत-आसियान संबंध और हिंद-प्रशांत के लिए भारत का दृष्टिकोण भी शामिल है।

दोनों पक्षों ने सेमीकंडक्टर, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया। ये भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के अब तक के दो यात्राओं के दौरान हुए विचार-विमर्श के परिणाम हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री वोंग को भारत आने का निमंत्रण दिया जिसपर उन्होंने अपनी सहर्ष स्वीकृति भी दी।

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सिंगापुर के निवेश कोष, इंफ्रास्ट्रक्चर, विनिर्माण, ऊर्जा, स्थिरता और रसद सहित विविध क्षेत्रों के प्रमुख सीईओ के एक समूह के साथ बातचीत की। इस कार्यक्रम में सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री गण किम योंग और गृह एवं कानून मंत्री के. शानमुगम ने भाग लिया।

भारत में उनके बढ़ते हुए निवेश की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में सिंगापुर के उद्योग जगत के दिग्गजों द्वारा निभाई गई भूमिका को महत्व दिया। प्रधानमंत्री ने भारत के साथ उनके सहयोग को और सुविधाजनक बनाने के लिए, सिंगापुर में एक इन्वेस्ट इंडिया कार्यालय की स्थापना की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत-सिंगापुर संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने से द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को एक बड़ी ताकत मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले दस वर्षों में परिवर्तनकारी प्रगति की है और राजनीतिक स्थिरता, नीति संबंधी पूर्वानुमान, कारोबारी सुगमता और इसके सुधार उन्मुख आर्थिक एजेंडे की अपनी ताकत को देखते हुए यह उसी रास्ते पर आगे बढ़ता रहेगा। अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। भारत के विकास की प्रभावशाली गाथा, इसके कुशल प्रतिभा पूल और विस्तृत बाजार से जुड़े अनेक अवसरों के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वैश्विक आर्थिक विकास में 17 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। प्रधानमंत्री ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, भारत सेमीकंडक्टर मिशन और 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों के बारे में बात की। उन्होंने व्यवसाय जगत के अग्रजों से कौशल विकास के क्षेत्र में भारत में अवसरों को परखने का आह्वान किया। लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं की तलाश करने वाले व्यवसायों के लिए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अपनी ताकत को ध्यान में रखते हुए यह सबसे अच्छा विकल्प है। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि भारत अपने तीसरे कार्यकाल में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की गति और व्यापकता को बढ़ाएगा। इसके अलावा, सीईओ को रेलवे, सड़क, बंदरगाह, नागरिक उड्डयन, औद्योगिक पार्क और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नए अवसरों से अवगत कराया गया।

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के व्यवसाय जगत के दिग्गजों को भारत में निवेश के अवसरों को देखने और देश में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया।

अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand News

(नंबर वन न्यूज, व्यूज, राजनीति और समसामयिक विषयों की वेबसाइट मिरर उत्तराखंड डॉट कॉम से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)

Previous
Next
Loading...
Follow us on Social Media