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पीएम मोदी ने वार्षिक एनसीसी पीएम रैली को संबोधित किया, पढ़िए क्या कहा इस मौके पर

पीएम मोदी ने वार्षिक एनसीसी पीएम रैली को संबोधित किया, पढ़िए क्या कहा इस मौके पर

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by January 27, 2024 News

27 January. 2024. New Delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में वार्षिक एनसीसी पीएम रैली को संबोधित किया। पीएम मोदी ने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम देखा और सर्वश्रेष्ठ कैडेट पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने एनसीसी गर्ल्स और नारी शक्ति वंदन रन (एनएसआरवी) को भी हरी झंडी दिखाई। यह मेगा साइक्लोथॉन झांसी से दिल्ली तक होगी।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक पूर्व एनसीसी कैडेट होने के नाते, जब वह एनसीसी कैडेटों के बीच मौजूद होते हैं, तो यादें ताजा होना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न हिस्सों से आए कैडेटों की उपस्थिति को देखते हुए कहा, “एनसीसी कैडेटों के बीच उपस्थित होने पर एक भारत, श्रेष्ठ भारत के विचार के दर्शन होते है।” उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि एनसीसी का दायरा लगातार बढ़ रहा है और कहा कि आज का अवसर एक नई शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों के 400 से अधिक सरपंचों और देश भर के स्वयं सहायता समूहों की 100 से अधिक महिलाओं की उपस्थिति का भी उल्लेख किया, जिन्हें सरकार वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत विकसित कर रही है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि रैली ‘एक दुनिया, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना को मजबूत कर रही है। उन्होंने बताया कि 2014 में इस रैली में 10 देशों के कैडेट थे, आज यह संख्या 24 हो गई है।

यह देखते हुए कि ऐतिहासिक 75वां गणतंत्र दिवस नारी शक्ति को समर्पित था, पीएम मोदी ने कहा कि देश ने जीवन के हर क्षेत्र में भारत की बेटियों द्वारा की गई प्रगति को प्रदर्शित किया है। उन्होंने इस अवसर पर सम्मानित किए गए कैडेटों की सराहना की। उन्होंने वडोदरा और काशी के साइकिल समूहों की सराहना की और दोनों स्थानों से अपने सांसद चुने जाने का उल्लेख किया।

उस समय को याद करते हुए जब समाज में महिलाओं की भूमिका सांस्कृतिक व्यवस्थाओं और संगठनों तक ही सीमित थी, प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया आज भारत की बेटियों को हर क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित करते हुए देख रही है, चाहे वह भूमि, समुद्र, वायु या अंतरिक्ष हो। उन्होंने गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली महिला प्रतिभागियों के दृढ़ संकल्प पर प्रकाश डाला और कहा कि यह रातोंरात मिली सफलता नहीं है बल्कि पिछले 10 वर्षों के समर्पित प्रयासों का परिणाम है। प्रधानमंत्री मोदी ने रानी लक्ष्मी बाई, रानी चेन्नम्मा और रानी वेलु नचियार जैसी बहादुर योद्धाओं का उल्लेख करते हुए कहा, “भारतीय परंपराओं में नारी को हमेशा शक्ति के रूप में माना गया है जिन्होंने अंग्रेजों को कुचल दिया था।” प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने देश में नारी शक्ति की इस ऊर्जा को लगातार मजबूत किया है। उन्होंने उन क्षेत्रों में महिलाओं के प्रवेश में सभी बाधाओं को दूर करने का उल्लेख किया जो कभी वर्जित या सीमित थे और तीनों रक्षा बलों की अग्रिम पंक्ति को खोलने, रक्षा में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन, और कमांड भूमिकाओं और काम्बैट पोजिशन को खोलने का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “चाहे अग्निवीर हों या फाइटर पायलट, महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।” उन्होंने सैनिक स्कूलों में छात्राओं के लिए प्रवेश खोलने का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में केंद्रीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है, जबकि राज्यों को राज्य पुलिस बल में अधिक महिलाओं की भर्ती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने इन कदमों से समाज की सोच पर पड़ने वाले असर का जिक्र करते हुए कहा कि अन्य क्षेत्रों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग और बीमा सुनिश्चित करने में महिलाओं की बड़ी संख्या की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, “स्टार्टअप या स्वयं सहायता समूहों जैसे क्षेत्रों में भी यही कहानी है।”

उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी के कारण प्रतिभा पूल में वृद्धि एक विकसित भारत के निर्माण का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पासपोर्ट की बढ़ती ताकत की ओर इशारा करते हुए कहा, “पूरी दुनिया भारत को ‘विश्व मित्र’ के रूप में देख रही है।” उन्होंने कहा, “कई देश भारत के युवाओं की प्रतिभा और कौशल में अवसर देख रहे हैं।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के युवाओं के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया, और अगले 25 वर्षों में देश के भविष्य को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। दिल से अपनी बात रखते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की, “यह परिवर्तनकारी युग, आने वाले 25 वर्ष, न केवल एक विकसित भारत के निर्माण का गवाह बनेंगे, बल्कि मुख्य रूप से युवाओं को लाभ पहुंचाएंगे, ना कि मोदी को।” भारत की विकास यात्रा के प्राथमिक लाभार्थियों के रूप में युवाओं को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इस युग के सबसे बड़े लाभार्थी आप जैसे युवा व्यक्ति हैं।” उन्होंने निरंतर कड़ी मेहनत के महत्व के बारे में बताते हुए कहा, “उत्कृष्टता के लिए लगातार प्रयास करना आप सभी के लिए जरूरी होगा।”

पिछले दशक में विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, बड़े पैमाने पर कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता की दिशा में हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं।” उन्होंने भारत की प्रगति को आगे बढ़ाने में अधिकतम प्रभाव के लिए युवाओं की प्रतिभा और कौशल का उपयोग करने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और पीएम श्री के तहत स्मार्ट स्कूल अभियान जैसी पहलों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य देश भर में हजारों स्कूलों को आधुनिक बनाना है। उन्होंने पिछले एक दशक में कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और व्यावसायिक शिक्षा से संबंधित संस्थानों में अभूतपूर्व वृद्धि का भी उल्लेख किया।

भारत के शैक्षिक परिदृश्य में प्रगति को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक रैंकिंग में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।” उन्होंने कई राज्यों में नए आईआईटी और एम्स की स्थापना के साथ-साथ मेडिकल कॉलेजों और सीटों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि का भी उत्सव मनाया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अनुसंधान प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए नए कानून पेश करते हुए रक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों को खोलने और युवा प्रतिभाओं की खोज के लिए सरकार के समर्पण की पुष्टि की। उन्होंने दोहराया, “ये सभी पहल आपके लाभ के लिए, भारत के युवाओं के लिए की गई हैं।”

आर्थिक सशक्तिकरण की ओर कदम बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने “मेक इन इंडिया” व “आत्मनिर्भर भारत” अभियानों का उल्लेख किया, और भारत के युवाओं की आकांक्षाओं के साथ उनके तालमेल पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, “ये अभियान आप जैसे युवाओं के लिए भी हैं, जो रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं।”

भारत की डिजिटल क्रांति के प्रमाण में, प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल अर्थव्यवस्था की तेजी से वृद्धि और युवाओं पर इसके गहरे प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने टिप्पणी की, “पिछले 10 वर्षों में, भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था हमारे युवाओं के लिए ताकत का एक नया स्रोत बन गई है।”

वैश्विक स्तर पर तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में भारत के उद्भव को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं के बीच उद्यमशीलता की भावना की प्रशंसा करते हुए कहा, “आज, भारत 1.25 लाख से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप और सौ से अधिक यूनिकॉर्न का घर है।” प्रधानमंत्री ने भारत में मोबाइल विनिर्माण में वृद्धि, किफायती डेटा और हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी का भी जिक्र किया।

ई-कॉमर्स, ई-शॉपिंग, होम डिलीवरी, ऑनलाइन शिक्षा और दूरस्थ स्वास्थ्य सेवा के विस्तार का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल कंटेंट निर्माण के प्रसार और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्र की स्थापना के बारे में बताते हुए युवाओं से डिजिटल इंडिया द्वारा प्रस्तुत अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने भविष्योन्मुखी नीति निर्माण और स्पष्ट प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। उन्होंने सीमावर्ती गांव को अंतिम गांव कहने की सोच में बदलाव की बात कही। अब ये गांव ‘पहले गांव’ यानी ‘वाइब्रेंट विलेज’ हैं। उन्होंने कहा कि ये गांव आने वाले दिनों में बड़े पर्यटन केंद्र बनने वाले हैं।

युवाओं को सीधे संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र निर्माण प्रयासों में सक्रिय भागीदारी का आह्वान करते हुए, भारत के भविष्य को आकार देने की उनकी क्षमता पर भरोसा व्यक्त किया। उन्होंने उनसे “माई भारत ऑर्गनाइजेशन” के साथ पंजीकरण करने और समृद्ध भारत के विकास के लिए योगदान देने का आग्रह किया।

अंत में, प्रधानमंत्री मोदी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और भविष्य के लिए उनकी सफलता की कामना की। उन्होंने युवाओं में अपने विश्वास को दोहराते हुए घोषणा की, “आप एक विकसित भारत के निर्माता हैं।”

इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

इस कार्यक्रम में अमृत पीढी के योगदान और सशक्तिकरण को प्रदर्शित करने वाले ‘अमृत काल की एनसीसी’ विषय पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल था। वसुधैव कुटुंबकम की सच्ची भारतीय भावना में, 24 विदेशी देशों के 2,200 से अधिक एनसीसी कैडेट और युवा कैडेट इस वर्ष की रैली का हिस्सा थे।

विशेष अतिथि के रूप में, वाइब्रेंट विलेज के 400 से अधिक सरपंच और देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 100 से अधिक महिलाएं भी एनसीसी पीएम रैली में शामिल हुईं।

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