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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने देश को संबोधित किया, कहा भारत विकसित होने की ओर अग्रसर, पढ़िए संबोधन के मुख्य बिंदु

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने देश को संबोधित किया, कहा भारत विकसित होने की ओर अग्रसर, पढ़िए संबोधन के मुख्य बिंदु

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by August 14, 2024 News

14 August. 2024. New Delhi. स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया। आगे पढ़िए संदेश के मुख्य बिंदु….

1. यह उत्सव 140 करोड़ से अधिक देशवासियों के साथ अपने इस महान देश का हिस्सा होने की हमारी खुशी को अभिव्यक्त करता है।

2. हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है, जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी।

3. 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाकर हम विभाजन की भयावहता को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।

4. इस वर्ष हमारे देश में आम चुनाव हुए। इस तरह के विशाल आयोजन के सुचारु और त्रुटि-रहित संचालन के लिए भारत का निर्वाचन आयोग बधाई के योग्य है, भारत द्वारा सफलतापूर्वक चुनाव आयोजित करने से पूरे विश्व में लोकतांत्रिक शक्तियों को ताकत मिलती है।

5. देश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है। जो लोग अभी भी गरीबी से पीड़ित हैं, उनकी सहायता करने के साथ-साथ उन्हें गरीबी से बाहर निकालने के लिए भी सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

6. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।

7. हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है। हाल के वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी बढ़ावा मिला है।

8. भावी प्रौद्योगिकी की अद्भुत क्षमता को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने Semi-conductor और Artificial Intelligence जैसे कई क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया है, साथ ही Start-ups के लिए एक आदर्श eco-system भी बनाया है जिससे उनके विकास को गति मिलेगी।

9. बदलावों ने अगले दौर के आर्थिक सुधारों और आर्थिक विकास के लिए मंच तैयार कर दिया है, जहां से भारत विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।

10. तेज गति से हो रही न्याय-परक प्रगति के बल पर वैश्विक परिदृश्य में भारत का कद ऊंचा हुआ है। भारत अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग विश्व शांति और समृद्धि के विस्तार हेतु करना चाहता है।

11. सामाजिक न्याय सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और समाज के अन्य हाशिए के वर्गों के कल्याण के लिए अनेक अभूतपूर्व कदम उठाए हैं।

12. सरकार ने महिला कल्याण और महिला सशक्तीकरण को समान महत्व दिया है। पिछले दशक में इस उद्देश्य के लिए बजट प्रावधान में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।

13. इस वर्ष जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य केवल दंड देने की बजाय अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है।

14. युवा प्रतिभा का समुचित उपयोग करने के लिए सरकार ने कौशल, रोजगार तथा अन्य अवसरों को सुलभ बनाने के लिए पहल की है। रोजगार और कौशल के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के माध्यम से पांच वर्षों में चार करोड़ दस लाख युवाओं को लाभ मिलेगा।

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