आज देवेन्द्र के साथ देखिए ‘कसार देवी’ मंदिर और जानिए इसकी चुंबकीय शक्ति को
उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले के निकट “कसार देवी”एक गाँव है | जो अल्मोड़ा क्षेत्र से 8 km की दुरी पर काषय (कश्यप) पर्वत में स्थित है | यह स्थान “कसार देवी मंदिर” के कारण प्रसिद्ध है | यह मंदिर, दूसरी शताब्दी के समय का है ।
उत्तराखंड के अल्मोडा जिले में मौजूद माँ कसार देवी की शक्तियों का एहसास इस स्थान के कण-कण में होता है | अल्मोड़ा बागेश्वर हाईवे पर “कसार” नामक गांव में स्थित ये मंदिर कश्यप पहाड़ी की चोटी पर एक गुफानुमा जगह पर बना हुआ है |कसार देवी मंदिर में माँ दुर्गा साक्षात प्रकट हुयी थी | मंदिर में माँ दुर्गा के आठ रूपों में से एक रूप “देवी कात्यायनी” की पूजा की जाती है |
इस स्थान में ढाई हज़ार साल पहले “माँ दुर्गा” ने शुम्भ-निशुम्भ नाम के दो राक्षसों का वध करने के लिए “देवी कात्यायनी” का रूप धारण किया था |
माँ दुर्गा ने देवी कात्यायनी का रूप धारण करके राक्षसों का संहार किया था | तब से यह स्थान विशेष माना जाता है | स्थानीय लोगों की माने तो दूसरी शताब्दी में बना यह मंदिर 1970 से 1980 की शुरुआत तक डच संन्यासियों का घर हुआ करता था। यह मंदिर हवालबाघ की सुरम्य घाटी में स्थित है ।
कहते है कि स्वामी विवेकानंद 1890 में ध्यान के लिए कुछ महीनो के लिए इस स्थान में आये थे | अल्मोड़ा से करीब 22 km दूर काकडीघाट में उन्हें विशेष ज्ञान की अनुभूति हुई थी | इसी तरह बोद्ध गुरु “लामा अन्ग्रिका गोविंदा” ने गुफा में रहकर विशेष साधना करी थी |
यह क्रैंक रिज के लिये भी प्रसिद्ध है , जहाँ 1960-1970के दशक में “हिप्पी आन्दोलन” बहुत प्रसिद्ध हुआ था | उत्तराखंड देवभूमि का ये स्थान भारत का एकमात्र और दुनिया का तीसरा ऐसा स्थान है , जहाँ ख़ास चुम्बकीय शक्तियाँ उपस्थित है | कसारदेवी मंदिर की अपार शक्ति से बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी हैरान हैं। ( कसार देवी मंदिर का इतिहास एवम् मान्यताये )
दुनिया के तीन पर्यटन स्थल ऐसे हैं जहां कुदरत की खूबसूरती के दर्शनों के साथ ही मानसिक शांति भी महसूस होती है। जिनमें अल्मोड़ा स्थित “कसार देवी मंदिर” और दक्षिण अमरीका के पेरू स्थित “माचू-पिच्चू” व इंग्लैंड के “स्टोन हेंग” में अद्भुत समानताएं हैं । ये अद्वितीय और चुंबकीय शक्ति के केंद्र भी हैं। यह क्षेत्र ‘चिड’ और ‘देवदार’ के जंगलों का घर है |यह न केवल अल्मोड़ा और हावाघ घाटी के दृश्य प्रदान करता है | साथ ही साथ हिमाचल प्रदेश सीमा पर बंदरपंच शिखर से नेपाल में स्थित ‘एपी हिमल’ हिमालय के मनोरम दृश्य भी प्रदान करता है।
अल्मोड़ा में कसार देवी मंदिर के साथ साथ चितई गोलू देवता मंदिर और द्वाराहाट क्षेत्र के दूनागिरी मंदिर के दर्शनभी कर सकते है | हिन्दुस्तान के लोग शायद ही ये जानते होंगे कि ये स्थान जितना प्राचीन और धार्मिक महत्व का है | उतना ही वैज्ञानिक लिहाज से भी अहम है।
कसार देवी मंदिर की मान्यतायें
आस्था , श्रधा , विश्वास और मंदिर आदि का बहुत ही गहरा सम्बन्ध है | क्यूंकि यदि व्यक्ति के मन में आस्था , श्रधा न हो तो मंदिर में रखी गयी मूर्ति भी उसके लिए पत्थर के समान लगती है | मंदिरों की बात करे तो भारत देश में ऐसे कई मंदिर है , जिनकी बहुत मान्यता है |मंदिर में जाने से कोई भी व्यक्ति कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है |कसार देवी मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहाँ आने वाले भक्तो की हर मनोकामना अतिशीघ्र पूर्ण हो जाती है |
प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा (नवम्बर-दिसम्बर में) को यहाँ कसार देवी का मेला लगता है। इस जगह में कुदरत की खूबसूरती के दर्शन तो होते ही हैं, साथ ही मानसिक शांति भी महसूस होती है |यह स्थान ध्यान ओर योग करने लिऐ बहुत ही उचित है । भक्तो को सैकडों सीढ़ियां चढ़ने के बाद भी थकान महसूस नही होती है । यहां आकर श्रद्धालु असीम मानसिक शांति का अनुभव करते हैं।
कसार देवी मंदिर “चुम्बकीय” क्षेत्र
यह जगह अद्वितीय और चुंबकीय शक्ति का केंद्र भी है। नासा के वैज्ञानिक चुम्बकीय रूप को प्रमाणिित भी कर दिया है ,डॉक्टर अजय भट्ट का कहना है कि यह पूरा क्षेत्र “वैन ऐलन बेल्ट”है | इस जगह में धरती के अन्दर विशाल चुम्बकीय पिंड है | इस पिंड में विद्युतीय चार्ज कणों की परत होती है | जिसे रेडिएशन भी कहते है |यह वह पवित्र स्थान है , जहां भारत का प्रत्येक सच्चा धर्मालु व्यक्ति अपने जीवन का अंतिम काल बिताने को इच्छुक रहता है। अनूठी मानसिक शांति मिलने के कारण यहां देश-विदेश से कई पर्यटक आते हैं ।प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा में (नवम्बर-दिसम्बर) को कसार देवी का मेला लगता है |
चुंबकीय शक्तियों की वजह से खास है कसार देवी टेंपल
आप शायद ही ये जानते होंगे कि उत्तराखंड में एक ऐसा स्थान भी है, जहां मां दुर्गा साक्षात् प्रकट हुई थीं. देवभूमि का ये स्थान भारत का एकमात्र और दुनिया का तीसरा ऐसा स्थान है, जहां खास चुम्बकीय शक्तियां मौजूद हैं. खुद नासा के वैज्ञानिक भी इस पर शोध कर चुके हैं. जी हां उत्तराखंड के अल्मोड़ा में कसाय पर्वत पर मौजूद मां दुर्गा के मंदिर में अनोखी शक्तियां मौजूद हैं।
Devendra Binwal, Mirror tourism, spiritualindia78@gmail.com
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