नैनीताल के दीकर सिंह आ गये पीएम मोदी की नजर में, ‘मन की बात’ में किया जिक्र
18 June. 2023. New Delhi. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में नैनीताल के एक ग्राम प्रधान दीकर सिंह मेवाड़ी का जिक्र किया। दीकर सिंह मेवाड़ी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम ‘मन की बात’ में जिक्र होने के बाद वह राष्ट्रीय फलक पर छा गए हैं।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यक्रम में देश में चल रहे टीबी उन्मूलन अभियान की बात कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ” आपने रामायण की उस नन्हीं गिलहरी के बारे में जरुर सुना होगा, जो रामसेतु बनाने में मदद करने के लिए आगे आई थी। कहने का मतलब ये है कि जब नीयत साफ हो, प्रयासों में ईमानदारी हो, तो फिर कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं रहता। भारत भी आज इसी नेक नीयत से एक बहुत बड़ी चुनौती का मुकाबला कर रहा है। ये चुनौती है – टी.बी. की, जिसे क्षय रोग भी कहा जाता है। भारत ने संकल्प किया है 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत बनाने का, लक्ष्य बहुत बड़ा ज़रूर है। एक समय था जब टी.बी. का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन ये आज का समय है, जब टी.बी. के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है। इस क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए निक्षय मित्रों ने मोर्चा संभाल लिया है। देश में बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं निक्षय मित्र बनी हैं। गाँव-देहात में पंचायतों में हजारों लोगों ने खुद आगे आकर टी.बी. मरीजों को गोद लिया है। कितने ही बच्चे हैं जो टीबी मरीजों की मदद के लिए आगे आए हैं। ये जन-भागीदारी ही इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत है। इसी भागीदारी की वजह से आज देश में 10 लाख से ज्यादा टी.बी. मरीजों को गोद लिया जा चुका है और ये पुण्य का काम किया है क़रीब-क़रीब 85 हजार निक्षय मित्रों ने। मुझे खुशी है कि देश के कई सरपंचों ने ग्राम प्रधानों ने भी ये बीड़ा उठा लिया है कि वो अपने गांव में टी.बी. को समाप्त करके ही रहेंगे।“
इसके बाद प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ” नैनीताल के एक गांव के निक्षय मित्र श्रीमान दीकर सिंह मेवाड़ी जी ने टी.बी.के छह मरीजों को गोद लिया है। ऐसे ही किन्नौर की एक ग्राम पंचायत के प्रधान निक्षय मित्र श्रीमान ज्ञान सिंह जी भी अपने ब्लॉक में टी.बी. मरीजों को हर जरुरी सहायता उपलब्ध कराने में जुटे हैं। भारत को टी.बी. मुक्त बनाने की मुहिम में हमारे बच्चे और युवा साथी भी पीछे नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश के ऊना की 7 साल की बेटी नलिनी सिंह का कमाल देखिए, बिटिया नलिनी अपनी Pocket money से, टी.बी. मरीजों की मदद कर रही है। आप जानते हैं कि बच्चों को गुल्लक से कितना प्यार होता है, लेकिन MP के कटनी जिले की 13 साल की मीनाक्षी और पश्चिम बंगाल के Diamond Harbour के 11 साल के बश्वर मुखर्जी, दोनों ही कुछ अलग ही बच्चे हैं। इन दोनों बच्चो ने अपने गुल्लक के पैसे भी टी.बी. मुक्त भारत के अभियान में लगा दिए हैं। ये सभी उदाहरण भावुकता से भरे होने के साथ ही बहुत प्रेरक भी हैं। कम उम्र में बड़ी सोच रखने वाले इन सभी बच्चों की मैं हृदय से प्रशंसा करता हूं।”
वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने कार्यक्रम में दीकर सिंह का जिक्र करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दीकर सिंह मेवाड़ी को फोन किया और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए उनका आभार जताया।
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