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‘मन की बात’ में आपातकाल, योग और खेल जैसे कई विषयों पर पीएम मोदी ने रखे अपने विचार, पढ़िए

‘मन की बात’ में आपातकाल, योग और खेल जैसे कई विषयों पर पीएम मोदी ने रखे अपने विचार, पढ़िए

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by June 18, 2023 News

18 June. 2023. New Delhi. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात की 102वीं कड़ी के जरिए देशवासियों को संबोधित किया, इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल, योग और खेल सहित कई विषयों पर अपने विचार रखे, आपातकाल को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने emergency का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।” इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ” बहुत से लोग कहते हैं कि प्रधानमंत्री के तौर पर मैंने ये अच्छा काम किया, वो बड़ा काम किया। ‘मन की बात’ के कितने ही श्रोता, अपनी चिट्ठियों में बहुत सारी प्रशंसा करते हैं। कोई कहता है ये किया, कोई कहता है वो किया, ये अच्छा किया, ये ज्यादा अच्छा किया, ये बढ़िया किया, लेकिन, मैं, जब भारत के सामान्य मानवी के प्रयास, उनकी मेहनत, उनकी इच्छाशक्ति को देखता हूँ, तो खुद अपने आप, अभिभूत हो जाता हूँ। बड़े से बड़ा लक्ष्य हो, कठिन-से-कठिन चुनौती हो, भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल देता है। अभी हमने दो-तीन दिन पहले देखा, कि, देश के पश्चिमी छोर पर कितना बड़ा Cyclone आया। तेज चलने वाली हवाएँ, तेज बारिश। Cyclone Biparjoy (बिपरजॉय) ने कच्छ में कितना कुछ तहस-नहस कर दिया, लेकिन, कच्छ के लोगों ने जिस हिम्मत और तैयारी के साथ इतने खतरनाक Cyclone का मुक़ाबला किया, वो भी उतना ही अभूतपूर्व है।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ” प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का ज़ोर नहीं होता, लेकिन, बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है – प्रकृति का संरक्षण, आजकल, Monsoon  के समय में तो, इस दिशा में, हमारी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसीलिए ही आज देश, ‘Catch the Rain’ जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है।” वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी को याद करते हुए कहा कि ” जब प्रबंधन की बात हो रही है, तो मैं, आज, छत्रपति शिवाजी महाराज को भी याद करूंगा। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता के साथ ही उनकी Governance  और उनके प्रबंध कौशल से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। विशेषकर, जल-प्रबंधन और नौसेना को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने जो कार्य किए, वो आज भी भारतीय इतिहास का गौरव बढ़ाते हैं। उनके बनाए जलदुर्ग, इतनी शताब्दियों बाद भी समंदर के बीच में आज भी शान से खड़े हैं। इस महीने की शुरुआत में ही छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हुए हैं। इस अवसर को एक बड़े पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान महाराष्ट्र के रायगढ़ किले में इससे जुड़े भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुझे याद है, कई वर्ष पहले 2014 में, मुझे, रायगढ़ जाने, उस पवित्र भूमि को नमन करने का सौभाग्य मिला था। यह हम सबका कर्तव्य है कि इस अवसर पर हम छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रबंध कौशल को जानें, उनसे सीखें। इससे हमारे भीतर, हमारी विरासत पर गर्व का बोध भी जगेगा, और भविष्य के लिए कर्तव्यों की प्रेरणा भी मिलेगी।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी मुक्त भारत अभियान की भी बात कही और इस अभियान में लगे कई लोगों का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने जापान की तकनीक मियावाकी का जिक्र किया और कहा कि अगर किसी जगह की मिट्टी उपजाऊ नहीं रही हो, तो मियावाकी तकनीक उस क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने का बहुत अच्छा तरीका होती है। वहीं भारतीय खेल जगत की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ” इसी महीने खेल जगत से भारत के लिए कई बड़ी खुशखबरी आई हैं। भारत की टीम ने पहली बार Women’s Junior Asia Cup जीतकर तिरंगे की शान बढ़ाई है। इसी महीने हमारी Men’s Hockey Team ने भी Junior Asia Cup जीता है। इसके साथ ही हम इस tournament के इतिहास में सबसे अधिक जीत दर्ज करने वाले टीम भी बन गए हैं। Junior Shooting World Cup उसमें भी हमारी junior team ने भी कमाल कर दिया। भारतीय टीम ने इस tournament में पहला स्थान हासिल किया है। इस tournament में कुल जितने gold medals थे, उसमें से 20% अकेले भारत के खाते में आए हैं। इसी जून में Asian Under Twenty Athletics Championship भी हुई। इसमें, भारत, पदक तालिका में, 45 देशों में, top तीन में रहा, लेकिन आज मैं केवल पिछले कुछ सप्ताह की सफलताओं का ज़िक्र कर रहा हूँ, तो भी list इतनी लंबी हो जाती है। यही हमारे युवाओं की असली ताकत है। ऐसे कितने ही खेल और प्रतियोगिताएं हैं, जहाँ आज भारत, पहली बार, अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है। जैसे कि long jump में श्रीशंकर मुरली ने Paris Diamond League जैसे प्रतिष्ठित आयोजन में देश को bronze दिलाया है। ये इस प्रतियोगिता में भारत का पहला मेडल है। ऐसे ही एक सफलता हमारी Under Seventeen Women Wrestling Team ने किर्गिस्तान में भी दर्ज की है। मैं देश के इन सभी athletes,  उनके parents  और coaches, सबको उनके प्रयासों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

international आयोजनों में देश की इस सफलता के पीछे राष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत होती है। आज, देश के अलग-अलग राज्यों में एक नए उत्साह के साथ खेलों के आयोजन होते हैं। इनसे खिलाड़ियों को खेलने, जीतने और हार से सीखने का मौका मिलता है। जैसे, अभी उत्तर प्रदेश में Khelo India University Games का आयोजन हुआ। इसमें युवाओं में खूब उत्साह और जोश देखने को मिला। इन खेलों में हमारे युवाओं ने ग्यारह record तोड़े हैं। इन खेलों में Punjab University , अमृतसर की Guru Nanak Dev University और कर्नाटका की Jain University, medal tally में पहले तीन स्थानों पर रही है।

ऐसे tournaments का एक बड़ा पहलू यह भी होता है कि इनसे युवा खिलाड़ियों की कई inspiring stories भी सामने आती हैं, Khelo India University Games में Rowing स्पर्धा में असम की Cotton University के अन्यतम राजकुमार ऐसे पहले दिव्यांग खिलाड़ी बने, जिन्होंने इसमें हिस्सा लिया।Barkatullah University की निधि पवैया घुटने में गंभीर चोट के बावजूद Shot-put में Gold Medal जीतने में कामयाब रही। Savitribai Phule Pune University के शुभम भंडारे को ankle injury के चलते, पिछले साल बेंगलुरु में निराशा हाथ लगी थी, लेकिन इस बार वे Steeplechase के Gold Medallist बने हैं। Burdwan University की सरस्वती कुंडू अपनी कबड्डी टीम की Captain हैं। वे कई मुश्किलों को पार कर यहाँ तक पहुँची हैं। बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बहुत सारे Athletes को, TOPS Scheme से भी बहुत मदद मिल रही है। हमारे खिलाड़ी जितना खेलेंगे, उतना ही खिलेंगे।

वही 21 जून को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ” इस बार मुझे New York के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, UN में होने वाले योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मैं, देख रहा हूँ, कि Social Media पर भी, योग दिवस को लेकर गजब का उत्साह दिख रहा है। मेरा आप सभी से आग्रह है कि आप, योग को अपने जीवन में जरुर अपनाएं, इसे, अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। अगर अब भी आप योग से नहीं जुड़े हैं तो आने वाली 21 जून, इस संकल्प के लिए बहुत बेहतरीन मौका है। योग में तो वैसे भी ज्यादा तामझाम की जरुरत ही नहीं होती है। देखिये, जब आप योग से जुड़ेंगे तो आपके जीवन में कितना बड़ा परिवर्तन आएगा।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 20 जून को होने वाली ऐतिहासिक रथ यात्रा का भी जिक्र किया, वही आपातकाल को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ” भारत लोकतंत्र की जननी है, Mother of Democracy है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर emergency  थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने emergency का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी, मन, सिहर उठता है। इन अत्याचारों पर पुलिस और प्रशासन द्वारा दी गई सजाओं पर बहुत सी पुस्तकें लिखी गई हैं। मुझे भी ‘संघर्ष में गुजरात’ नाम से एक किताब लिखने का उस समय मौका मिला था। कुछ दिनों पहले ही emergency पर लिखी एक और किताब मेरे सामने आई जिसका शीर्षक है – Torture of Political Prisoners in India. Emergency के दौरान छपी इस पुस्तक में वर्णन किया गया है, कि कैसे, उस समय की सरकार, लोकतंत्र के रखवालों से क्रूरतम व्यवहार कर रही थी। इस किताब में ढ़ेर सारी case studies हैं, बहुत सारे चित्र हैं। मैं चाहूँगा कि, आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो, देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरुर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।

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