केदारनाथ और गंगोत्री के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद, 20 नवंबर को होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट बंंद
श्री यमुनोत्री धाम ( उत्तरकाशी)/ देहरादून। 6 नवंबर। उत्तराखंड चारधामों में प्रसिद्ध श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु आज शनिवार भैयादूज यम द्वितीया पर अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक बंद कर दिये गये हैं। उल्लेखनीय है धर्मग्रंथों के अनुसार श्री यमुना जी को यम देव अर्थात धर्मराज जी की बहिन कहा जाता है यमदेव मृत्यु के देवता है मां यमुना के दर्शन मात्र से जनमानस को मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है।
कपाटबंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालुजन, स्थानीय लोग मौजूद रहे। कपाटबंद होने के बाद मां यमुना की जयकारों के साथ उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली हेतु प्रस्थान किया। जिलाधिकारी उत्तरकाशी श्री मयूर दीक्षित ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री यमुनोत्री धाम तैंतीस हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे और 33,166 तीर्थयात्री श्री गंगोत्री धाम पहुंचे कुल 66 हजार से अधिक तीर्थ यात्री श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम पहुंचे है। उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल एवं प्रतिकूल मौसम के बावजूद सभी विभागों के परस्पर समन्वयन से तीर्थयात्रा सुचारू रूप से संचालित हुई।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि तीनों धामों के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। शीतकालीन गद्दी स्थलों में मंदिर समितियों/देवस्थानम बोर्ड द्वारा पूजा-अर्चना की जायेगी।
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