Uttarakhand लोकपर्व ‘इगास’ पर अब सार्वजनिक अवकाश घोषित, सीएम धामी ने की घोषणा
Dehradun, 11 Nov. 2021 : छठ पूजा के बाद अब उत्तराखंड के लोकपर्व इगास पर भी अवकाश घोषित किया गया है। सीएम धामी के ट्विटर हैंडल से गढ़वाली भाषा में ट्वीट कर ये जानकारी दी गई है।
आपको बता दें उत्तराखंड में पिछले दिनों सरकार ने छठ पूजा की छुट्टी की घोषणा की थी, जिसके बाद सोशल मीडिया में इगास की भी छुट्टी की मांग उठने लगी थी। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास लोक पर्व पर भी छुट्टी घोषित कर दी है ।
धामी ने ट्वीट में लिखा है कि ” उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति कु प्रतीक लोकपर्व ‘इगास’ पर अब छुट्टी रालि। हमारू उद्देश्य च कि हम सब्बि ये त्यौहार तै बड़ा धूमधाम सै मनौ, अर हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ।”
पहाड़ में बग्वाल (दीपावली) के ठीक 11 दिन बाद ईगास मनाने की परंपरा है। दरअसल ज्योति पर्व दीपावली का उत्सव इसी दिन पराकाष्ठा को पहुंचता है, इसलिए पर्वों की इस शृंखला को ईगास-बग्वाल नाम दिया गया। गढ़वाल के जौनपुर, थौलधार, प्रतापनगर, रंवाई, चमियाला आदि क्षेत्रों में ये पर्व ज्यादा देखने को मिलता है। ईगास-बग्वाल के दिन आतिशबाजी के बजाय भैलो खेलने की परंपरा है। खासकर बड़ी बग्वाल के दिन यह मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है। बग्वाल वाले दिन भैलो खेलने की परंपरा पहाड़ में सदियों पुरानी है। भैलो को चीड़ की लकड़ी और तार या रस्सी से तैयार किया जाता है। रस्सी में चीड़ की लकड़ियों की छोटी-छोटी गांठ बांधी जाती है। जिसके बाद गांव के ऊंचे स्थान पर पहुंच कर लोग भैलो को आग लगाते हैं। इसे खेलने वाले रस्सी को पकड़कर सावधानीपूर्वक उसे अपने सिर के ऊपर से घुमाते हुए नृत्य करते हैं। इसे ही भैलो खेलना कहा जाता है। इस संबंध में जारी आदेश…..
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