उत्तराखंड में पत्रकारों ने आंदोलन तोड़ा, सरकार ने मानी सभी मांग
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सरकार ने पत्रकारों की सभी मांग मान ली है।
News 2 August
राज्य के लघु एवं मँझोले समाचार पत्र/पत्रिका व न्यूज़ पोर्टल के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड में आजकल पत्रकार लामबंद हो रहे हैं, देहरादून में पिछले कुछ दिनों से 70 से भी ज्यादा पत्र-पत्रिकाओं और न्यूज़ पोर्टलों के पत्रकारों ने सूचना महानिदेशालय में धरना प्रदर्शन और अनशन शुरू किया है। इन पत्रकारों के समर्थन में राज्य की कई पत्रकार यूनियन सामने आ गई हैं । देहरादून के अलावा हरिद्वार में भी पत्रकारों के प्रदर्शन की खबर है।
देहरादून में पिछले एक हफ्ते से आंदोलित पत्रकारों का आरोप है कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पहली विधानसभा के सत्र में अभिभाषण के दौरान राज्य में छोटे और मझोले समाचार पत्र-पत्रिकाओं और माध्यमों को उत्साहित करने की बात कही गई थी, साथ ही राज्य में पत्रकारों के कल्याण के लिए पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना भी की गई है। राज्य का सूचना विभाग अपनी सरकार के कामों के प्रसार और प्रचार के लिए एक बजट की घोषणा करता है, इन पत्रकारों का आरोप है कि सूचना विभाग के द्वारा राज्य के बाहर की पत्र-पत्रिकाओं को तो भारी-भरकम राशि के विज्ञापन दिए जा रहे हैं जबकि राज्य में छोटे और मझोले समाचार पत्रों के एंपैनलमेंट और न्यूज़ पोर्टल के इंपैनलमेंट पर 2 साल से रोक लगी हुई है, विभाग सरकार द्वारा नियत सभी विज्ञापन नियमावलीयों के खिलाफ जाकर अपनी मनमर्जी से बड़े समाचार पत्रों को विज्ञापन दे रहे हैं लेकिन राज्य के छोटे और मझोले माध्यमों को हतोत्साहित किया जा रहा है, जबकि उत्तराखंड में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया माध्यम के लिए स्पष्ट नियमावली बनी हुई है।
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