नहीं रहे उत्तराखंड के वृक्ष मित्र विश्वेश्वर दत्त सकलानी, 1000 हेक्टेयर बंजर को जंगल में बदल दिया था
अपने पूरे जीवन में 50 लाख पेड़ लगाने के लिए मशहूर उत्तराखंड के वृक्षमित्र विश्वेश्वर दत्त सकलानी का निधन हो गया है, उनका निधन उनके पैतृक गांव टिहरी जिले की सकलाना पट्टी के पुजार गांव में हुआ था, 98 साल के सकलानी का जन्म 2 जून 1922 को हुआ था और बचपन से ही उन्हें पेड़ लगाने का काफी शौक था। लेकिन उनकी जिंदगी में सबसे बड़ा मोड़ आया 11 जनवरी 1956 को जब उनकी पत्नी का देहांत हो गया, पत्नी के देहांत के बाद उन्होंने अपना सारा जीवन जंगलों और पेड़ों को समर्पित कर दिया ।
बताया जाता है कि सकलाना का पूरा क्षेत्र वृक्ष विहीन था , लेकिन उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में मेहनत करके 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल तैयार किए और यहां करीब 50 लाख पेड़ लगाए। कहा जाता है कि जब उनकी बेटी की शादी हो रही थी तब भी वो जंगल में पेड़ लगाने गए हुए थे। पेड़ों और जंगल से उनकी मोहब्बत के लिए उनको पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी वृक्षामित्र सम्मान से सम्मानित किया। विश्वेश्वर दत्त सकलानी पूरे उत्तराखंड में वृक्ष मित्र के नाम से जाने जाते थे और शुक्रवार सवेरे उनके निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है।
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