पकिस्तान के इस घिनोने आचरण का सच जानकर हर भारतीय का खून खौल जायेगा
ये बात हर कोई जानता है कि पाक एक घिनोने आचरण वाला देश है. हालही में पाक की नापाक हरकतों ने दुनिया के सामने ये भी दर्शा दिया था कि वह अपनी घिनोनी हरकत के कारण इस्लाम के उसूलों को भी नहीं मानता है. इसका सबसे बड़ा हालीया उदाहरण एक माह के पाक दिनों अर्थात रोजों में देखने को मिला. इस्लाम मे इस महीने को सबसे ज्यादा रहमत वाला महीना बताया गया है। फिर भी पाकिस्तान ने पाक दिनों में अपनी नापाक हरकतें नहीं छोड़ी, और भारतीय सीमा पर बीएसएफ की चौकियों को निशाना बनाकर लगातार गोलीबारी करता रहा।
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यही नहीं बल्कि जब तक पाक रेंजर्स भारतीय सीमा पर दो से तीन बार फायरिंग कर निर्दोष लोगों को अपनी गोलियों का निशाना नहीं बना लेते हैं, तब तक उन्हें चैन नहीं आता है. आलम ये है कि इस साल बीते 172 दिनों में पाक रेंजर्स ने भारतीय सीमा पर कुल 516 बार गोलीबारी की है. पाकिस्तान हर दिन करीब तीन बार भारत-पाक सीमा से सटे गांवों और बीएसएफ के बार्डर ऑउट पोस्ट (बीओपी) को निशाना बनाकर गोलीबारी करता है.
बीएसएफ और पाक रेंजर्स के बीच होने वाली फ्लैग मीटिंग में हर बार पाकिस्तान गिड़गिड़ाते हुए अपनी तरफ से गोलीबारी न करने की कसम खाता है. वहीं कुछ मिनटों में वह अपनी इस कसम को भुलकर फिर भारतीय सीमा पर गोलीबारी शुरू कर देता है. पाक की नापाक हरकतों को देखकर साफ हो जाता है कि रंग बदलने में उसने गिरगिट को भी पीछे छोड़ दिया है।
बीते चार सालों की बात करें तो पाकिस्तान ने भारतीय सीमा पर बसे गांवों और बीएसएफ की चौकियों को निशाना बनाकर पाक रेंजर्स ने कुल 1308 बार भारी गोलाबारी की है. जिसमें सर्वाधिक 2015 में पाक रेंजर्स की तरफ से 350 बार लंबी दूरी तक वार करने वाले हथियारों, रॉकेट लांचर सहित अन्य घातक हथियारों से गोलीबारी की है. वहीं पाक रेंजर्स ने 2014 में 127 बार, 2016 में 204 बार और 2017 में 111 बार अपने नापाक इरादों को दर्शाते हुए भारतीय सीमा पर गोलीबारी की है. पाकिस्तान का दूसरा चेहरा यह भी है कि जब-जब पाक रेंजर्स की गोलीबारी का बीएसएफ की तरफ से मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है, तब-तब पाक रेंजर्स के आला अधिकारी गोलीबारी रोकने की फरियाद लेकर बीएसएफ के पास फ्लैग मीटिंग करने पहुंच जाते हैं.
पाकिस्तान की इन सभी नापाक हरकतों को देखते हुए साफ नज़र आता है कि पाकिस्तान रेंसर्ज की कमान पाक सेना के पास न होकर आतंकवादी संगठनों के हाथ में चली गई है. एक कारण ये भी हो सकता है कि आतंकवादियों के दबाव में आकर पाकिस्तान सरकार पाक रेंजर्स पर गोलीबारी का दबाव बनाती हो ।
Yudhishthir , Mirror News
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