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क्या है जम्मू-कश्मीर मुद्दा और लागू धारा 370, पूर्ण विवरण , वो सच जो आपने नहीं पढ़ा होगा

क्या है जम्मू-कश्मीर मुद्दा और लागू धारा 370, पूर्ण विवरण , वो सच जो आपने नहीं पढ़ा होगा

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by June 21, 2018 News

आज 1977 के दशक में आई धरम वीर फिल्म का एक गाना याद आ रहा है “ओ मेरी महबूबा, महबूबा, महबूबा, तुझे जाना है तो जा, तेरी मर्ज़ी मेरा क्या”

एक बार फिर से राजनीति गलियारे में धारा 370 को लेकर बहस छिड़ गयी है। कोई इसके पक्ष में है तो किसी के पास इसका विरोध करने के पर्याप्त आधार है। किसी को लगता है कि संविधान की इस धारा में संशोधन होना चाहिए तो किसी को यह बहस का मुद्दा लगता है। लेकिन हम से काफी लोगों को पता ही नहीं कि धारा 370 है क्या जो समय-समय पर लोगों की बहस और विरोध का कारण बन जाती है जिसके चलते धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को लेकर लोगों के बीच झगड़े होने लगते हैं। आईये आपको बताते हैं कि धारा 370 है क्या? जो देश के विशेष राज्य कश्मीर में लागू है।

1. धारा 370 की वजह से पाकिस्तानियो को भी भारतीय नागरीकता मिल जाती है इसके लिए पाकिस्तानियो को केवल किसी कश्मीरी लड़की से शादी करनी होती है। कश्मीर घाटी की लगभग 96.4% आबादी मुस्लिम है उसके बाद हिंदुओं की आबादी 2.4%, सिख 0.98% और अन्य 0.17% हैं अब आप अंदाजा लगा सकते है की क्यों कश्मीर में भारत विरोधी नारे लगते है। धारा 370 की वजह से वो दिन दूर नही जब कश्मीर को इस्लामिक स्टेट घोषित कर दिया जाएगा।

2. जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू – कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में विद्रोह होना एक आम बात है।

3. कश्मीर में अल्पसंख्यक जैसे हिन्दू, सिख, अन्य को आरक्षण नहीं मिलता है।

4. जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है । धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI लागू नहीं है, RTE लागू नहीं है। CAG लागू नहीं होता। भारत देश का कोई भी कानून लागू नहीं होता।

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5. जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है। हाल ही में भारतीय सेना के जवानों ने जिस तरह से कश्मीर आपदा में लाखो लोगो की जान बचाई थी ये सोचने का विषय है कि जिस राष्ट्रध्वज के सम्मान के लिए हर भारतीय शहीद होने को भी तैयार है वह ये सब होते देख कैसा महसूस करता होगा। चीन जैसे देशों के राष्ट्रीय गान और ध्वज का अनादर करने पर तो तीन साल तक की जेल का प्रावधान है।

6. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता है।

7. जम्मू – कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।

8. भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू – कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं ।

9. भारत की संसद को जम्मू – कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है ।

10. कश्मीर में महिलावो पर शरीयत कानून लागू है। उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली सायरा बानो ने तीन तलाक यानी शरीयत के खिलाफ जंग लड़ी थी। अरब देशों में सऊदी अरब शरीयत कानून के मुताबिक चलता है ।

11. कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं।

12. कश्मीर में चपरासी को 2500 ही मिलते है।

13. धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते है।

इतिहास के अनुसार भारत के विभाजन के तुरंत बाद ही कश्मीर पर पाकिस्तान ने कबाइलियों के साथ मिलकर आक्रमण कर दिया और बेरहमी से कई दिनों तक कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार किए गए, क्योंकि पंडित नेहरू ने सेना को आदेश देने में बहुत देर कर दी थी। इस देरी के कारण जहां पकिस्तान ने कश्मीर के एक तिहाई भू-भाग पर कब्जा कर लिया, वहीं उसने कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम कर उसे पंडित विहीन कर दिया। भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है यहां पर आपको हर धर्म के लोग मिल जाएंगें। भारत के अलावा दुनिया के किसी अन्य देश में ऐसा उदाहरण नहीं है। इसलिए आज ये ज़रूरी हो गया है कि कश्मीरी पंडितों को हम सभी भारतीय अपने घर लौटने में मदद करे।


नीतीश जोशी
बागेश्वर, उत्तराखंड

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