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जोशीमठ संकट पर पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री से जानकारी ली, प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी उच्चस्तरीय बैठक की, सोमवार को उत्तराखंड जाएगा एनडीएमए का दल

जोशीमठ संकट पर पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री से जानकारी ली, प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी उच्चस्तरीय बैठक की, सोमवार को उत्तराखंड जाएगा एनडीएमए का दल

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by January 8, 2023 News

8 Jan. 2023. New Delhi/ Dehradun. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोशीमठ संकट पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन किया और जोशीमठ संकट से जुड़ी हुई जानकारी और वहां किए जा रहे राहत और पुनर्वास कार्यों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि जिस दिन से जोशीमठ में संकट खड़ा हुआ है तब से प्रधानमंत्री कार्यालय लगातार संकट पर नजर बनाए हुए है और हर संभव मदद कर रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको फोन कर जोशीमठ की वर्तमान स्थिति, वहां राहत और पुनर्वास कार्य और आने वाले समय में जोशीमठ संकट को दूर करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी ली। आगे वीडियो देखिए इस संबंध में मुख्यमंत्री ने क्या बताया….

प्रधानमंत्री ने केंद्र की ओर से इस संकट में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है, इस सब के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जोशीमठ संकट पर एक उच्च स्तरीय बैठक भी की गई है। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने की।

पीएम के प्रधान सचिव डॉ. पी के मिश्रा ने दोपहर पीएमओ में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक भी की। जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहे। वीसी के माध्यम से उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी समीक्षा में शामिल हुए। बैठक में फैसला लिया गया कि सचिव, सीमा प्रबंधन व एनडीएमए के चारों सदस्य नौ जनवरी को उत्तराखंड का दौरा करेंगे, वे हाल ही में जोशीमठ से लौटे तकनीकी दल (एनडीएमए, एनआईडीएम, एनडीआरएफ, जीएसआई, एनआईएच, वाडिया संस्थान, आईआईटी रुड़की) के निष्कर्षों का विस्तृत आकलन करेंगे और स्थिति के हल के लिए तत्काल, लघु-मध्यम-दीर्घकालिक कार्रवाइयों पर राज्य सरकार को सलाह देंगे।

प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव ने जोर देकर कहा कि राज्य के लिए तत्काल प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा होनी चाहिए। राज्य सरकार को प्रभावित लोगों के साथ एक स्पष्ट और निरंतर संचार माध्यम स्थापित करना चाहिए। व्यवहार्य उपायों के माध्यम से स्थिति में गिरावट को रोकने के लिए तत्काल प्रयास किए जाने चाहिए। प्रभावित क्षेत्र की जांच के लिए कई केंद्रीय संस्थानों जिनमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (WIHG) राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) को उत्तराखंड राज्य के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

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