सभी तरह से स्वस्थ रखता है ये योग, कोई रोग नहीं होगा और है भी आसान
कपालभाति प्राणायाम एक ऐसा अभ्यास है जो आपको सभी तरह के रोगों में लाभ पहुंचाता है। कपाल मस्तिष्क के समाने वाले हिस्से को कहते है और भाति का मतलब होता है प्रकाश, चमक, कांति। इस अभ्यास को करने के लिए आपको अपने सांसों को बाहर छोड़ना है। सांसों को जब आप पूरी ताकत के साथ बाहर की ओर छोड़ते है तो पेट अंदर की ओर चला जाता है। इस क्रिया को कपाल भाति प्राणायाम कहा जाता है। फिर धीरे-धीरे सांस लेकर फेफड़ों को भर लें और उसके बाद फिर सांस छोड़ें। कपाल भाति करते समय मूलाधार चक्र का ध्यान करें। मन में विचार करें कि मेरे शरीर में मौजूद जितनी भी निगेटिव एनर्जी है सब बाहर जा रही है। सारी बीमारियां, अशुद्दियां, विकार, रोग और बुराईयां सांसों के साथ बाहर जा रही है। हर एक अभ्यास से आपका शरीर शुद्द, निरोग, कांतिमय हो रहा है। इन विचारों के साथ अभ्यास करें। शुरुआत में आप इसे एक मिनट से शुरु करें। दस बार करें, बीस बार, तीस बार, जब थके रुक जाए। धीरे धीरे अभ्यास जारी रखने से आपकी क्षमता बढ़ेगी और आप एक बार में ही पांच मिनट तक तक कर पाएंगे। अभ्यस्त हो जाने के बाद आप इसे 15 मिनट तक कर सकते है। इसकी प्रैक्टिस सुबह करे या फिर खाने के पांच घंटे के बाद प्रेश होकर करें। कपाल भाति अपने आप में एक चमत्कार के समान है क्योंकि इसके अभ्यास मात्र से ही जटिल से जटिल रोगों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। सबसे बड़ा फायदा आपके चेहरे पर प्राकृतिक रुप से चमक बढ़ती है। चेहरा प्रकाश जैसे ओजमान बन जाता है। बिना किसी अप्राकृतिक उत्पादों के प्रयोग किया बगैर।
मोटापे को कम करने में बहुत ही असरदार है। इसके निरंतर प्रैक्टिस से वजन तेजी से घटने लगता है। इसके अलावा ये पेट की जुड़ी बिमारियां कब्ज, गैस, एसिडिटी, लिवर से जुड़ी तकलीफों को कम कर खत्म कर देता है। साथ ही, हापैटाइटिस बी, प्रौस्टेट, महिलाओं और पुरुषों में इनफरटिलिटी में भी लाभप्रद है। घरती पर ऐसा कोई रोग नही है जिसे कपाल भाती करने से लाभ नही मिलता है। मधुमेह, कोलेस्ट्रोल, ट्राइग्लिसराइड्स, एलर्जी, अस्थमा, साइनोसाईटिस में फायदा पहुंचाता है। जिन बच्चों को पढ़ने में मन नही लगता है, ध्यान नही लगा पाते, कपाल भाती करने से उनमें एकाग्रता आती है और वे अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर पाते है। उनमें उत्साह का संचार करता है ये अभ्यास। वात, कप और पीत तीनों दोषों में संतुलन कायम करता है। मल के निकास से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के अलावा शरीर के अंदर मौजूद अवस्वस्था को व्यवस्थित करता है। शरीर के सुचारु रुप से काम करने से मन में प्रसन्नता और आनंद का संचार होता है। जीवन में खुशी का अहसास लाता है।
बॉडी में मौजूद किसी भी तरह गांठ, खून के बहाव में आई रुकावट, हड्डी से जुड़ी कमजोरी, किडनी में स्टोन, हार्मोन का नियंत्रण। कैलशियम और विटामिन की मौजूदी को सुनिश्चित करता है। मेटाबोलिज्म को ठीक करना, आंखों के साथ साथ अनगिनत फायदे है। ये एक ऐसा संपूर्ण अभ्यास है जिसमें करने से आपकों लाभ ही लाभ है। तो आज से ही रोज इसे करें। एक प्रण ले चाहे मैं खाना खाऊ या नही, कपाल भाति प्राणायाम तो अवश्य करुंगा। आपका ये एक संकल्प आपको और आपके परिवार को जीवन भर निरोग रखेगा।
Vijay Kumar, Fitness Guru, Mirror