बलात्कार पर उत्तराखंड के एक इंजीनियरिंग छात्र के विचार, पढ़िए
जनवरी का महीना था देश के एक छोर जम्मू में कुछ दरिंदो ने 8 साल की हिंदुस्तानी बच्ची के साथ बहुत कुछ गलत किया , अप्रैल आते-२ मामला TRP बढ़ाने का साधन बन गया ना जाने 3-4 महने लोग कहां गायब हो गए थे , 1 हफ्ते का शो ये भी हुआ , अब अप्रैल आते-२ फिर शांति ….लेकिन गौर करने वाली बात ये थी वो बच्ची हिंदुस्तान की बच्ची ना होके मुस्लिम बच्ची बना दी गयी , हैरत की बात ये थी सारी इस्लामिक देशों में इसकी निंदा हुई , सभी लोगों ने घर बैठ लम्बी-२ बातें टीवी पर सुनाई …लेकिन मै चुप रहा , मैने देखा आखिर गलती क्या है तो पाया शाहनवाज हूसैन कठुआ की 7 वर्षिय बच्ची के बलात्कार पर बोल रहे थे लेकिन यमुना एक्सप्रेसवे , जम्मू का रसाना कांड , लखनऊ के यसिंगंज की घटना , अर्थला मदरसे की घटना , बिलासपुर की घटना ना जाने कितनी हुई 3-4 माह में , लेकिन कोई कुछ नहीं बोला मानो मुझे ऐसा लगा TRP नहीं मिल रही होगी इससे …लेकिन दुख की बात ये है देश के युवा को कोई मतलब नहीं है जो टेलीविजन पर दिखा उस पर ही बात करेंगे कभी देश को अपना मानो तो हर सेकंड आंसू निकलेंगे , रोना है तो सबपे रोओ , और शपथ लो एक दिन आगे बढ़के इन सभी नीची सोच वालों को सजा दिलवाएंगे , बल्कि व्हाट्सअप से नहीं ….अब सरकार ने कुछ कानून बनाए हैं, मौत की सजा की बात की है , देखना होगा कितना फर्क मेरे इस समाज पर पड़ेगा।
मनीष चंद्र सती, मैकेनिकल इंजीनियर
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