कैसा होगा उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता कानून, UCC की बड़ी बातें आईं सामने, पढ़िए
17 June. 2023. Dehradun. जल्द ही उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन सकता है, जहां यूसीसी, यानीकि समान नागरिक संहिता कानून लागू होगा। रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता समिति इस कानून के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने में लगी हुई है। माना जा रहा है कि 30 जून से पहले समिति राज्य सरकार को ड्राफ्ट सौंप देगी। आपको बता दें कि समान नागरिक संहिता वह कानून होगा जो सभी धर्म और संप्रदाय के लोगों पर लागू होगा। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता समिति का गठन किया है, जिसकी रिपोर्ट के बाद जल्द ही राज्य में यह कानून लागू हो सकता है।
उत्तराखंड के लिए देश का पहला समान नागरिक संहिता कानून बनाने के लिए समिति की ओर से विभिन्न हितधारकों से विस्तृत विचार-विमर्श किया गया है। समान नागरिक संहिता कानून के ड्राफ्ट को लेकर आपके न्यूज़ पोर्टल ‘मिरर उत्तराखंड’ को कुछ प्राथमिक सूचनाएं मिली हैं। यह सूचना कानून के अंतिम रूप की पुष्टि नहीं करती, हालांकि कानून को लेकर कुछ संकेत जरूर दे रही हैं। आइए आपको विभिन्न बिंदुओं के जरिए समझाते हैं कि कैसा होगा उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता कानून….
1- राज्य के सभी नागरिकों के लिए पॉलीगेमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी, लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और अपने मां-बाप को भी बताना होगा।
2- लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल की जाएगी ताकि वह शादी से पहले ग्रेजुएट हो सकें।
3- उत्तराधिकार में लड़कियों को भी लड़कों के समान अधिकार होगा और लड़कियों को भी लड़कों के समान हक मिलेगा।
4- गोद लेने का अधिकार सबको होगा और गोद लने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा, मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार मिलेगा।
5- हलाला और इद्दत पर रोक लगेगी, शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा और शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने वालों को कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलेगी।
6- पति और पत्नी दोनों को तलाक के समान अधिकार मिलेंगे, पति के लिए तलाक के जो ग्राउंड लागू होंगे, वही ग्राउंड पत्नी के लिए भी लागू होंगे।
7- नौकरीसुदा बेटे की मौत पर मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी पत्नी की होगी, पत्नी की दूसरी शादी करने की स्थिति में वृद्ध माता-पिता को मुआवजा में उनका हिस्सा दिया जाएगा।
8- अगर पत्नी की मौत हो जाती है और पत्नी के माता पिता की जिम्मेदारी उठाने वाला कोई नहीं है तो पति को पत्नी के माता-पिता की जिम्मेदारी उठानी होगी।
9- बच्चे के अनाथ होने की स्थिति में गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा, पति और पत्नी के बीच में झगड़े की स्थिति में गार्जियनशिप बच्चों के ग्रैंड पेरेंट्स को दी जा सकती है।
10- मुस्लिम समाज में हलाला को पूरी तरह से बैन किया जाएगा।
11- जनसंख्या नियंत्रण के लिए भी सरकार कदम उठाएगी, ज्यादा से ज्यादा दो या तीन बच्चों की संख्या नियत की जा सकती है।
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