Uttarakhand हरिद्वार में बड़ा हादसा, ट्रेन से कटकर 4 लोगों की दर्दनाक मौत
उत्तराखंड के हरिद्वार में गुरुवार देर शाम को एक दर्दनाक हादसा हो गया, यहां ट्रेन की चपेट में आने से 4 लोगों की मौत हो गई। घटना हरिद्वार-लक्सर रेल मार्ग पर ज्वालापुर (जमालपुर) के पास की है, बताया जा रहा है कि यहां डबल ट्रैक का कार्य चल रहा है और डबल ट्रैक के ट्रायल के लिए इस पर ट्रेन चलाई गई थी। इसी ट्रेन की चपेट में आने से 4 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में सीतापुर के रहने वाले चार दोस्तों प्रवीण चौहान, मयूर चौहान, विशाल चौहान और हैप्पी की मौत हो गई।
मिरर उत्तराखंड को मिली जानकारी के अनुसार घटना रेलवे फाटक से 200 मीटर दूरी पर हुई है, यहां पर डबल ट्रैक बनाया गया है और ट्रायल के लिए डबल ट्रैक पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाई गई थी। इस ट्रेन की चपेट में आने से 4 लोगों की मौत हो गई, चारों लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। दरअसल यहां डबल ट्रैक के ट्रायल के लिए दिल्ली से कमिश्नर ऑफ़ रेलवे सेफ्टी के साथ एक टीम पहुंची हुई थी और एक विशेष ट्रेन भी दिल्ली से मंगाई गई थी। अभी तक इस ट्रैक पर 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलती थी, 10 जनवरी से ट्रैक पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलने थी, इसीको लेकर यहां पर ट्रायल रन चल रहा था। बताया जा रहा है कि ट्रायल रन के दौरान 4 लोग रेलवे पटरी के आसपास खड़े थे, ट्रेन की रफ्तार काफी तेज थी इसलिए लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही चारों लोग ट्रेन की चपेट में आ गए। चारों लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
घटना के बाद जीआरपी, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, रेलवे के डीआरएम तरुण प्रकाश ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह घटना रेलवे फाटक से 200 मीटर दूर हुई है ऐसे में इस में सीधे-सीधे रेलवे की कोई गलती नजर नहीं आती, इसके बावजूद भी रेलवे पुलिस और स्थानीय पुलिस मिलकर इस घटना की जांच करेंगे। शुक्रवार को मृतक के परिजनों और गांव वालों ने सीतापुर में प्रदर्शन किया। यहां तक की ग्रामीण रेलवे ट्रेक पर बैठ गए और रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस ने रेलवे अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। ये मृतक चारों युवकों के परिजनों की तहरीर के आधार पर किया गया है। शुक्रवार को दिनभर मृतक के परिजनों और गांव वालों के विरोध के बाद मृतक के परिजनों को दो-दो लाख का मुआवजा देने पर सहमति बनी है, इसके साथ ही इस इलाके में जहां बस्ती पड़ती है वहां ट्रैक के दोनों और तारबाड़ लगाने पर भी सहमति बनी है। जब तक तार बाड़ नहीं लग जाती तब तक यहां ट्रेन को ज्यादा स्पीड से नहीं चलाया जाएगा, इस बात पर भी सहमति बनी है।
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