हेमकुंड साहिब के कपाट 4 सितंबर को खुलेंगे, उत्तराखंड से बाहर के यात्रियों को कराना होगा कोरोना टेस्ट
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों के पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट 4 सितंबर को खोले जाएंगे, दरअसल हेमकुंड साहिब के कपाट बर्फ पिघलने के बाद जून महीने के अंत में खोले जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोनावायरस और ज्यादा बर्फबारी के कारण अभी तक कपाट खोले नहीं गए हैं। हेमकुंड साहिब की इस साल की यात्रा भी अभी शुरू नहीं हुई है, 4 सितंबर को कपाट खोलने के बाद यात्रा को शुरू करने का फैसला लिया गया है। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बीच हुई एक बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। गुरुद्वारे के कपाट 4 सितंबर को सवेरे 10:00 बजे पंच प्यारों की अगुवाई में खोले जाएंगे। राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को राज्य में आने से 72 घंटे के अंदर कोरोनावायरस टेस्ट करवाना होगा, तभी वह हेमकुंड साहिब की यात्रा में जा सकते हैं।
यात्रा के लिए आने वाले लोगों को कोविड-19 स्वास्थ्य नियमों का पालन करना होगा, शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा, मास्क पहनना होगा और यात्रियों की जगह जगह पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर भी यात्रियों को पंजीकरण करवाना होगा, वेबसाइट से पास मिलने के बाद ही यात्री हेमकुंड साहिब की यात्रा में जा सकते हैं।
आपको बता दें कि हेमकुंड साहिब, चमोली जिला, उत्तराखंड में स्थित सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह हिमालय में 4632 मीटर की ऊँचाई पर एक बर्फ़ीली झील के किनारे सात पहाड़ों के बीच स्थित है। इन सात पहाड़ों पर निशान साहिब झूलते हैं। किवदंती के अनुसार यहाँ पहले एक मंदिर था जिसका निर्माण भगवान राम के अनुज लक्ष्मण ने करवाया था। सिखों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह ने यहाँ पूजा अर्चना की थी। बाद में इसे गुरूद्वारा घोषित कर दिया गया।
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