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यूक्रेन से कब्जाए खेरसॉन से रूसी सेना पीछे हटी, क्या युद्ध खत्म होने की आहट या कुछ और

यूक्रेन से कब्जाए खेरसॉन से रूसी सेना पीछे हटी, क्या युद्ध खत्म होने की आहट या कुछ और

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by November 9, 2022 News

9 Nov. 2022. रूस और यूक्रेन के बीच में चल रहे युद्ध में आज उस वक्त एक नया मोड़ आ गया जब रूस की सेना को यूक्रेन से कब्जाए गए चार प्रांतों में से एक खेरसॉन से पीछे हटने का आदेश दिया गया। इस इलाके में रूस की सेना को नीपर नदी के पश्चिमी तट से पीछे हटने के आदेश दिए गए हैं और पूर्वी तट पर सुरक्षा रेखा खड़ी करने के आदेश दिए गए हैं। पिछले 9 महीने के युद्ध में रूस ने यूक्रेन से चार प्रांत डोनिआस्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जपुररेजिया पर कब्जा किया था, जिसमें से खेरसॉन से सेना को पीछे हटने के आदेश दे दिए गए हैं।

रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने नीपर नदी के पीछे से सैनिकों को निकालना शुरू करने का आदेश दिया है। रक्षा मंत्री ने यूक्रेन में रूस के एकीकृत समूह बलों के कमांडर सर्गेई सुरोविकिन से कहा सैनिकों को वापस लेना शुरू करें और नीपर के पीछे कर्मियों, हथियारों और हार्डवेयर के सुरक्षित स्थानांतरण को सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करें। सुरोविकिन ने इससे पहले बुधवार को उस क्षेत्र की स्थिति पर रक्षा मंत्री को सूचना दी थी।

रूस ने तर्क दिया है कि यदि यूक्रेन जलाशयों से बड़े पानी के निर्वहन या काखोवका बांध पर अधिक शक्तिशाली रॉकेट हमले का सहारा लेता है तो इससे विशाल क्षेत्रों में पानी का प्रवाह पैदा होगा और नागरिक हताहत होंगे। नागरिकों के लिए खतरे के साथ-साथ इससे नीपर के दाहिने किनारे पर रूसी बलों के समूह के पूर्ण अलगाव का खतरा सामने आएगा।

खेरसॉन यूक्रेन की एकमात्र प्रांतीय राजधानी थी जिस पर रूस ने कब्जा किया था, रूस की इस घोषणा के बाद रूस के कब्जे वाले खेरसोन में रूस के लिए प्रशासन संभाल रहे डिप्टी गवर्नर किरिल स्त्रेमोसोव की एक कार दुर्घटना में मौत हो गई है।

खेरसॉन में रूसी सेना को यूक्रेन की ओर से जबरदस्त टक्कर मिल रही थी, रूसी सैन्य अधिकारी ने माना कि इस इलाके में सप्लाई बनाए रखना काफी कठिन हो गया था।

9 महीने में युद्ध के दौरान रूस ने यूक्रेन के चार प्रांतों खेरसॉन, जपुररेजिया, डोनिआस्क और लुहांस्क पर कब्जा किया था, डोनिआस्क और लुहांस्क में पहले से ही रूस समर्थक विद्रोही सक्रिय थे और यूक्रेन से अलग होना चाहते थे। चारों इलाकों को कब्जा करने के बाद रूस ने अपने में मिला लिया था।

कुछ दिनों पहले अमेरिका और नाटो के सैन्य विशेषज्ञों का मानना था कि अगर यूक्रेन खेरसोन को रूस के कब्जे से वापस ले लेता है तो रूस और यूक्रेन के बीच में शांति वार्ता को आगे बढ़ाया जा सकता है।

ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि रूस के इस कदम के बाद यूक्रेन और रूस युद्ध में कोई शांति का पड़ाव शुरू होता है या नहीं, हालांकि यूक्रेन की ओर से रूस के इस कदम पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि यूक्रेन इन चारों प्रांतों के साथ-साथ क्रीमिया को भी अपना हिस्सा बता कर युद्ध के जरिए इन्हें अपने कब्जे में लेने की बात करता रहा है, क्रीमिया 2014 से ही रूस के कब्जे में है। यूक्रेन सैन्य सहायता के लिए पूरी तरह पश्चिमी और यूरोपीय देशों पर निर्भर है, ऐसे में युद्ध का भविष्य बहुत हद तक पश्चिमी और यूरोपीय देशों पर भी निर्भर करता है।

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