उत्तराखंड की ‘कोटीबनाल’ बनी बेस्ट फिल्म, चंपावत के श्रीनिवास ओली ने किया है निर्माण
एशिया के सबसे बड़े ग्रीन फ़िल्म फ़ेस्टिवल (Green Film Festival) में उत्तराखंड की डाक्यूमेंट्री (Documentary of Uttarakhand) ‘कोटीबनाल’ को “सेलिब्रेटिंग हिमालयाज” (Celebrating Himalayas) कैटेगरी में बेस्ट फिल्म अवार्ड (Best Film Award) से सम्मानित किया गया है, शनिवार को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में चम्पावत (Champawat) जिले के श्रीनिवास ओली (Srinivas Oli) ने ये अवार्ड हासिल किया। डाक्यूमेंट्री उत्तराखंड के परम्परागत भूकंपरोधी (Earthquake proof) भवनों पर केंद्रित है।‘
सीएमएस वातावरण इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल का आयोजन नई दिल्ली के अंबेडकर भवन में 27 से 30 नवंबर तक किया गया था, फिल्म फेस्टिवल का आयोजन भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सहयोग से किया गया। फेस्टिवल के लिए 1020 फिल्मों के आवेदन आए थे, जिसमें से 77 चुनिंदा फिल्में समारोह में दिखाई गई। सेलिब्रेटिंग हिमालयाज़ कैटेगरी में ‘कोटीबनाल’ को बेस्ट फिल्म के रूप में चुना गया। फिल्म को प्रमाण-पत्र, ट्रॉफी के साथ 100000 (एक लाख) रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।
आस्कर में डाक्यूमेंट्री सीरीज के लिए नामित फिल्म ‘मोती बाग’ भी इस कैटेगरी में दिखाई गई, इस फिल्म को स्पेशल जूरी मेंशन अवार्ड प्रदान किया गया। कोटीबनाल के निर्माता शिक्षक श्रीनिवास ओली भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) नई दिल्ली के पूर्व छात्र रह चुके हैं और वर्तमान में चंपावत जिले में प्राथमिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं। उनकी दो शॉर्ट फ़िल्मों को पहले भी राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार मिल चुके हैं, घराटों पर आधारित उनकी डाक्यूमेंट्री ‘घराट-रिवाइवल ऑफ वाटरमिल्स’ को 5वें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म समारोह, लखनऊ (2015) में और जल संरक्षण व प्रबंधन के परंपरागत तरीके पर आधारित डॉक्यूमेंट्री “नौला-वाटर टेंपल ऑफ हिमालयाज़” को 7वें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म समारोह, कोलकाता (2017) में पुरस्कृत किया गया था।
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