उत्तराखंडवासी जो लॉकडाउन में फंसे हैं, अपने वाहन से भी आ सकेंगे, बस इन नियमों का करना होगा पालन
उत्तराखंड के निवासी जो लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, उन्हें वापस उनके घरों में लाने की पूरी कोशिश की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेशों के बाद राज्य में इस सिलसिले में तैयारियां शुरू हो गई हैं। एक ओर उत्तराखण्ड से बाहर फंसे राज्य के लोगों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से विभिन्न मार्गो पर 12 स्पेशल ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है। इनमें दिल्ली से देहरादून, दिल्ली से हल्द्वानी, चंडीगढ़ से देहरादून, लखनऊ से देहरादून, लखनऊ से हल्द्वानी, जयपुर से देहरादून, जयपुर से हल्द्वानी, मुम्बई से देहरादून, मुम्बई से हल्द्वानी, भोपाल से देहरादून, बैंगलोर से देहरादून और अहमदाबाद से देहरादून के लिए अनुरोध किया गया है। दूसरी ओर राज्य सरकार ने फंसे लोगों को वापस लाने के लिए एसओपी भी जारी कर दी है, इसके अनुसार जो लोग उत्तराखंड आना चाहते हैं और जिन्होंने राज्य सरकार की ओर से दिए गए लिंक या फोन नंबरों पर रजिस्ट्रेशन करवाया है उनके लिए बस या ट्रेन की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही इसमें लोगों को अपने निजी वाहनों से उत्तराखंड आने की अनुमति भी दी गई है, लेकिन इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। आइए आपको बताते हैं क्या हैं ये नियम….
फंसे हुए लोगों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से नामित किए गए नोडल ऑफिसर सचिव शैलेश बगौली ने बताया है कि अब तक करीब 87000 लोग अपने घरों में वापस आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। अधिकतर लोग उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के हैं। आइए आपको बताते हैं कि अपने वाहन से आने के लिए आपको क्या करना होगा….
—- आपको लिंक http://dsclservices.org.in/uttarakhand-migrant-registration.php पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
—अगर आप वर्तमान में किसी कंटेनमेंट जोन में रह रहे हैं तो आपको यह पास नहीं मिलेगा।
— आपके गृह जनपद की सीमा में पहुंचने पर आपकी स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
—आप अपने गृह जनपद के जिस इलाके में जाना चाहते हैं अगर वह कोरोनावायरस कंटेनमेंट जोन या हॉटस्पॉट है तो आपको वहां नहीं जाने दिया जाएगा। आपके पास किसी दूसरे इलाके में रहने का विकल्प होगा या आपको किसी संस्था में क्वॉरेंटाइन कर दिया जाएगा।
— आपकी गाड़ी कोविड-19 हेल्थ एडवाइजरी के तहत पूरी तरह सैनिटाइज होनी चाहिए और इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखना होगा। गृह जनपद पर पहुंचने पर आपको 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। उत्तराखंड के जनपदों से जो लोग निजी वाहनों में बाहरी राज्यों में जाना चाहते हैं उनको भी जिला नोडल अधिकारी पास जारी करेंगे, हालांकि कंटेनमेंट जोन में रहने वालों को पास जारी नहीं किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें…. Mirror Uttarakhand News
( उत्तराखंड की नंबर वन न्यूज, व्यूज, राजनीति और समसामयिक विषयों की वेबसाइट मिरर उत्तराखंड डॉट कॉम से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)