उत्तराखंड में राज्य सरकार के इस कदम के हो सकते हैं दूरगामी परिणाम, सक्रिय होंगे भू-माफिया
उत्तराखंड में त्रिवेन्द्र रावत सरकार ने बीते 8 दिसंबर को राज्य के एक कानून में परिवर्तन किया है, उत्तराखंड प्रदेश जमीदारी विनाश भूमि व्यवसाय अधिनियम 1950 अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश 2001 में किये बदलाव को पारित कर राज्य में लागू कर दिया गया है । दरअसल राज्य बनने के बाद यहां की भूमि को बचाने के लिए बाहरी लोगों को राज्य में केवल 250 वर्ग मीटर भूमि आवासीय प्रायोजन के लिए खरीदने की छूट थी, जिसे बदलकर अब ओध्योगिक निवेश के नाम पर असीमित कर दिया गया है, यानिकी अब कोई भी बाहर का व्यक्ति राज्य में असीमित भूमि खरीद सकता है।
सरकार की ओर से किये गये इस बदलाव को लेकर अब राज्य में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं।
बुधवार को अल्मोड़ा में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की ओर से कलेक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन भी किया गया और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर इस कानून को वापस लेने की मांग की गई, इन लोगों का कहना था कि इस बदलाव के बाद राज्य में खासकर पहाड़ों में बाहरी भूमाफिया सक्रिय हो जाएगा और राज्य के मूल लोगों की जमीनें सस्ते दामों में खरीद ली जाएंगी, पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि खासकर तराई से सटे पहाड़ी इलाकों में बेरोजगारी और गरीबी के कारण लोग भी अपनी जमीनों को बेच देंगे, और यहां पर अब भू-माफियाओं की आमद भी बढ़ने लगी है । राज्य सरकार की ओर से किये गये इस बदलाव को लेकर अब दूसरे संगठन भी धीरे-धीरे सक्रिय हो रहे हैं ।
Mirror News
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