उत्तरकाशी, श्रीनगर और पिथौरागढ़ को मिलने वाला है बड़ा तोहफा, जिंदगी सुलभ हो जाएगी यहां रहने वालों की
उत्तराखंड में राज्य सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है यहां से होने वाले पलायन को रोकने की और पलायन को लेकर उत्तराखंड के विभिन्न गांवों से जिस तरह के आंकड़े सामने आते हैं वह राज्य सरकार को सबसे ज्यादा परेशान करते हैं। इसके लिए गठित पलायन आयोग की रिपोर्ट के बाद सरकार पलायन को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है, इसी कड़ी में अब श्रीनगर, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ को बड़ा तोहफा मिलने वाला है।
दरअसल उत्तरकाशी, श्रीनगर और पिथौरागढ़ नगर पालिका परिषदों को नगर निगम बनाने के लिए तैयारी चल रही है। इनके अस्तित्व में आने पर नगर निगमों की संख्या बढ़कर 11 हो जाएगी। यही नहीं, कुछ नगर पंचायतों को उच्चीकृत कर नगर पालिका परिषद बनाया जा सकता है। इनके सीमा विस्तार में कुछ और गांवों को उच्चीकृत होने वाले निकायों का हिस्सा बनाया जाएगा।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने स्थानीय मीडिया को बताया है कि शहरों के तेजी से विकास को पलायन थामने की दृष्टि से देखा जा सकता है। कैबिनेट मंत्री कौशिक के मुताबिक गांवों से लोग शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन कर रहे हैं। यदि 15-20 गांवों को केंद्र में रखकर किसी शहर को सुविधाओं से युक्त करने की दिशा में पहल होगी तो गांवों के लोगों को वहीं सुविधाएं मिल सकेंगी। साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
पलायन के कारण उत्तराखंड के भौगोलिक जनसांख्यिकी में बड़ा परिवर्तन आया है, राज्य गठन से लेकर अब तक पहाड़ के 1702 गांव निर्जन हो चुके हैं, कई गांव ऐसे हैं जहां लोग ना के बराबर रहते हैं । इस बुरी स्थिति के बीच पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और श्रीनगर के लोगों के लिए एक सुकून देने वाली स्थिति है। नगर पालिकाओं के नगर निगम बनने से लोगों की सहुलियतों में पहले से बेहतर इजाफा होगा।
( उत्तराखंड के नंबर वन न्यूज, व्यूज और समसामयिक-सांस्कृतिक विषयों के वेब पोर्टल मिरर उत्तराखंड से जुड़ने और इसके अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें )