दिल्ली में नरभक्षी इंसान, पढ़िए क्या है असली सच
राजधानी के द्वारका इलाके में तंजानिया की चार महिलाओं को उनके घर के बाहर स्थित उग्र भीड़ से बचाया गया। भीड़ का आरोप है कि ये विदेशी नागरिक नरभक्षी हैं और बच्चों को अगवा करते हैं। दो अलग अलग मामलों में अपने घरों में बंद तंजानिया की चार महिलाओं और नाईजीरिया के दो पुरूषों को पुलिस ने समय पर कार्रवाई करके बचा लिया। पुलिस ने शुकवार को यह जानकारी दी।
इन अफ्रीकी मूल की महिलाओं के बारे में अफवाह फैलाई गई थी कि वे नरभक्षी हैं और बच्चे चुरा कर ले जाती हैं। पुरूषों के बारे में भी कहा जा रहा था कि वे भी नरभक्षी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस को गुरुवार शाम जानकारी मिली थी कि चार महिलाओं का स्थानीय लोगों से झगड़ा हो रहा है। पुलिस को 41 मिनट के अंतराल में पांच फोन कॉल्स आये जिनमें कहा गया कि द्वारका के काकरोला इलाके में तंजानिया की महिलाओं से झगड़ा हो रहा है।
जब पुलिस वहां पहुंची तो उसने पाया कि भीड़ ने उन महिलाओं के घर को घेरा हुआ है। स्थानीय लोगों का आरोप था कि उन्होंने एक बच्चे को मार दिया है और उसके मांस का सेवन किया है। हालांकि जांच से पता चला कि आरोप गलत हैं। जब पुलिस रात में इलाके में गश्त कर रही थी तो उन्होंने पाया कि नाइजीरिया के कुछ लोग एक कमरे में बंद हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे अपने कमरे में सो रहे थे तो अचानक कुछ लोगों ने कमरा बाहर से बंद कर दिया। इनमें से एक के पास भारतीय वीजा नहीं था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने कार्रवाई करके इन लोगों को भी लोगों के गुस्से से बचाया। इन दोनों मामलों में किसी को चोट नहीं पहुंची है।
असल में एक 16 साल का बच्चा घर से गायब हो गया था। बच्चे की मां ने पुलिस को फोन किया और बच्चे के किडनैप होने की बात कही। बच्चे की मां ने पुलिस को बताया कि अफ्रीकी लोगों ने उसके बेटे को किडनैप किया है। इसके बाद किसी ने बच्चे को मार कर खा जाने की अफवाह फैला दी। अफवाह फैली तो भीड़ ने अफ्रीकी मूल के लोगों पर हमला शुरू कर दिया। द्वारका के ककरोला इलाके में तंजानिया की 4 महिलाओं और नाइजीरिया के 2 लोगों पर अटैक हो गया। सबकुछ पुलिस के सामने हुआ। बाद में पुलिस की जांच में किडनैपिंग की बात ग़लत साबित हुई।
साभार ntinews.com
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