उत्तराखंड में होने वाली है अब पदों की बंदरबांट, भाजपाई अपनी गोटियां बिछाने में जुटे
उत्तराखंड सरकार में भाजपाइयों को अब जल्द दायित्व मिलने की उम्मीद है। इसकी सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। सरकार और संगठन दोनों लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बजने से पहले दायित्व बांटने के पक्ष में हैं। त्रिवेंद्र सरकार का लगभग पौने दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, पर वरिष्ठ भाजपाई अब भी दायित्वों से वंचित हैं। पहले निकाय चुनाव से पूर्व दायित्व मिलने की आशा थी, पर कानूनी पचड़ों में प्रक्रिया फंसने से सरकार ने हाथ खींच लिए थे।
अब निकाय चुनाव संपन्न हो चुके हैं और पार्टी के अनुसार मेयर-अध्यक्षों के टिकट से वंचित कई नेताओं को पूर्व में दिए गए भरोसे को पूरा करने का भी यह सही वक्त है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने उन्हें नवाजने की तैयारी शुरू कर दी है। जिन नेताओं ने निकाय चुनावों में अपनी क्षमता से ज्यादा काम कर दिखाया है, उन्हें महत्वपूर्ण विभाग मिल सकते हैं। विधायकों में से एक-दो को ही दायित्व मिलने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि अभी सीमित दायित्व ही दिए जाएंगे। इनकी संख्या 15-20 से ज्यादा कतई नहीं होगी। बाकी दायित्व सरकार लोकसभा चुनाव के बाद वरिष्ठ नेताओं की परफॉरमेंस देखने के बाद ही बांटने के पक्ष में है।
इन पर जोर-आजमाइश
भाजपा के नेताओं में महत्वपूर्ण पदों-वन विकास निगम अध्यक्ष, बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष, आवास विकास परिषद अध्यक्ष, कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड अध्यक्ष, जीएमवीएन व केएमवीएन में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष आदि के लिए सबसे ज्यादा जोर-आजमाइश चल रही है। साथ ही समाज कल्याण बोर्ड परिषद, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड उपाध्यक्ष, वक्फ बोर्ड उपाध्यक्ष, फिल्म विकास परिषद अध्यक्ष, लघु सिंचाई अनुश्रवण परिषद, जैविक उत्पाद परिषद, आपदा अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष भी रिक्त हैं।
इन आयोग में अध्यक्ष पद खाली
राज्य के विभिन्न आयोगों में संवैधानिक पद भी खाली हैं। इनमें महिला, अन्य पिछड़ा वर्ग, एससी-एसटी, अल्पसंख्यक, सफाई कर्मचारी आदि आयोग शामिल हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग और पुलिस शिकायत प्राधिकरण में अध्यक्ष के पद के भरने की प्रक्रिया जारी है।.
गोपन पहले ही मांग चुका ब्योरा
विभिन्न आयोगों में संवैधानिक और परिषदों में रिक्त अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के रिक्त पदों का ब्योरा गोपन विभाग पहले ही विभागों से ले चुका है। गोपन ने रिक्त पदों की सूची सीएम ऑफिस को उपलब्ध करा दी है। सूत्रों ने बताया कि निकाय चुनावों की आचार संहिता खत्म होते ही अब इस पर काम शुरू हो गया है।
साभार ntinews.com
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