लोकसभा में पास हुआ नागरिकता विधेयक, 3 देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
लोकसभा ने ऐतिहासिक नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पारित कर दिया है। विधेयक के पक्ष में 311 सदस्यों ने जबकि विरोध में 80 सदस्यों ने मत दिया, नागरिकता संशोधन विधेयक पर जबाव देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल किसी तरह से गैर संवैधानिक नहीं है और न ही किसी प्रकार का उल्लंघन है। Lok Sabha has passed the Citizenship (Amendment) Bill, 2019 और क्या कहा अमित शाह ने और क्या हैं इस बिल के प्रावधान, पढ़िए…..
गृहमंत्री अमित शाह ( Home Minister Amit Shah ) ने कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ और धर्म के आधार पर पाकिस्तान का निर्माण हुआ। इस सच्चाई को सभी को स्वीकारना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि इस देश में धर्म के आधार पर कभी भी भेदभाव नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि देश में विभाजन के समय पाकिस्तान में जितनी अल्पसंख्यकों की संख्या थी, आज उतनी नहीं है। लेकिन भारत में विभाजन के बाद अल्पसंख्यकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार इस देश में सब को सुरक्षा और सब को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने ट्वीट करके खुशी जताते हुए कहा कि समृद्ध और व्यापक बहस के बाद लोकसभा में इस बिल के पारित होने से खुश हूं। पीएम मोदी ने बिल का समर्थन करने वाले दलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा ने एक समृद्ध और व्यापक बहस के बाद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया है। मैं विभिन्न सांसदों और पार्टियों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने विधेयक का समर्थन किया। यह विधेयक भारत के सदियों पुराने लोकाचार और मानवीय मूल्यों में विश्वास के अनुरूप है। मैं नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के सभी पहलुओं को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की विशेष रूप से सराहना करता हूं। उन्होंने लोकसभा में चर्चा के दौरान संबंधित सांसदों द्वारा उठाए गए विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत जवाब भी दिया। आइए अब आपको बताते हैं कि इस बिल से क्या होगा…
दरअसल इस बिल से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान ( Pakistan, Bangladesh, Afghanistan ) में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों ( non-Muslim refugees) को भारत की नागरिकता (Indian nationality/Citizenship) 11 साल की बजाय 5 साल में ही मिल सकेगी, शर्त ये हा कि भारत की नागरिकता 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत आये लोगों को मिलेगी ।अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित उत्तराखंड के समाचारों का एकमात्र गूगल एप फोलो करने के लिए क्लिक करें….Mirror Uttarakhand News.
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