इसरो ने किया ऐसे उपग्रह का प्रक्षेपण जिसका उत्तराखंड को भी होगा फायदा
भारत ने अंतरिक्ष में एक नया सफल कदम बढ़ा दिया है, बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान , इसरो ने अपने सबसे भारी रॉकेट GSLV मार्क 3- D2 के जरिये संचार उपग्रह GSAT-29 का सफल प्रक्षेपण किया । 3423 किलो के इस उपग्रह में KU और KA बैंड के संचार ट्रांसपोंडर्स लगे हैं जो देश के दूर-दराज के इलाकों खासकर जम्मू और कश्मीर और उत्तर-पूर्व में संचार सेवाओं को और बेहतर बनाएंगे, उत्तराखंड के दूर-दराज के इलाकों को भी इसका फायदा होगा, खासकर चीन और नेपाल सीमा पर संचार सुविधाओं को मजबूत करने में इससे मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस सफलता के लिए इसरो को बधाई दी है। वहीं ISRO के अध्यक्ष के सिवन ने बताया कि ये उपग्रह भारत के डिजिटल इंडिया अभियान को और मजबूत करेगा ।
ISRO के पांचवी पीढ़ी के रॉकेट GSLV mark 3 D2 ने सिर्फ 16 मिनट में ही उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित कर दिया । अगले कुछ समय में उपग्रह को इसकी अंतिम जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा । संचार ट्रांसपोंडर्स के अलावा उपग्रह में एक उच्च रेजोल्यूशन का कैमरा और ऑप्टिकल संचार पेलोड्स भी मौजूद हैं । ये प्रक्षेपण GSLV मार्क 3 का दूसरा सफल प्रक्षेपण था , पहले प्रक्षेपण में इसके द्वारा 5 जून 2017 को GSAT 19 का प्रक्षेपण किया गया था और आज की सफलता से भविष्य में भारत का अंतरिक्ष में पहला मानव युक्त मिशन और चंद्रयान दो मिशन के लिए इस रॉकेट की विश्वसनीयता भी बढ़ गई है ।
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