छात्रों के बनाए उपग्रह को इसरो ने अंतरिक्ष में भेजा, एक उपग्रह सेना के काम का
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी 44 रॉकेट के जरिये उपग्रह कलामसैट और माइक्रोसेट को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया है। इस अंतरिक्ष अभियान की खास बात पीएसएलवी के नए रूप की उड़ान है। विद्यार्थी उपग्रह कलामसैट को विधार्थियों ने और चेन्नई स्थित स्पेस किड्स इंडिया ने तैयार किया है। माइक्रोसैट और कलामसैट प्रक्षेपित करने वाले पीएसएलवी सी 44 अभियान के बाद इसरो इस साल 32 अभियान संचालित करेगा। माइक्रोसैट उपग्रह सेना के उपयोग के लिए बनाया गया है ।
प्रक्षेपण के बाद इसरो के अध्यक्ष डॉ शिवन ने इस अभियान को महान सफलता बताया। उन्होंने कहा कि रॉकेट ने बहुत अच्छी तरह से माइक्रोसैट आर को उसकी निर्धारित कक्षा में प्रवेश करा दिया। जी सैट 41 की जगह लेने वाला अगला प्रक्षेपण 6 फरवरी को आरियान अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल में चंद्रयान का प्रक्षेपण होगा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी प्राथमिकता गगनयान है जिसे दिसम्बर 2021 तक अंतरिक्ष में भेजा जाना है।
डॉ शिवन ने कहा कि कलामसैट भारत के गणतंत्र दिवस पर एक महान उपहार है। उन्होंने कहा कि इसरो की विज्ञान की विशिष्टता वाले देश के निर्माण के लिए युवा प्रतिभाशाली छात्रों को जोड़ने की भी योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएसएलवी के एक और सफल प्रक्षेपण के लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई दी है ।
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Mirror News