अब अंतरिक्ष में होगी भारत की आंख, दुनियां के किसी भी हिस्से पर रख सकता है नजर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन – इसरो शुक्रवार 12 जनवरी को श्रीहरिकोटा से अपने 100वें उपग्रह का प्रक्षेपण सफलता से कर चुका है जो इस साल का पहला प्रक्षेपण है । पीएसएलवी-सी40 के जरिए मौसम की निगरानी करने वाले कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह सहित 31 उपग्रह प्रक्षेपित किए गए । ये प्रक्षेपण शुक्रवार को सवेरे करीब साढ़े नौ बजे किए गए । इस प्रक्षेपण में 28 विदेशी उपग्रह भेजे गये हैं। यह दूसरा मौका है जब इसरो ने एक साथ इतने सैटेलाइट भेजे हैं। पिछले साल फरवरी में उसने एक साथ 104 सैटेलाइट ऑर्बिट में भेजकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। इस मिशन में पीएसएलवी-सी 40 कुल 1323 किलोग्राम वजन के सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में ले गया।
इनमें कार्टोसेट-2 का वजन 710 किलो का है, बाकी 30 सैटेलाइट का वजन 613 किलोग्राम है। विदेशी उपग्रहों में कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के उपग्रह शामिल हैं।
भारतीय उपग्रह में कार्टोसेट, नैनोसेट और माइक्रोसेट भारतीय उपग्रह शामिल हैं, कार्टोसेट-2 को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि ये अंतरिक्ष में भारत की आंख की तरह होगा, अब इसरो अंतरिक्ष के जरिये धरती पर नजर रखेगा। इसमें पैनक्रोमेटिक कैमरा लगा है जो धरती के किसी भी हिस्से का 1 मीटर से भी कम रेजोल्यूशन का फोटो भेज सकता है। इसको अंतरिक्ष में भारत की आंख भी कहा जा रहा है और आने वाले समय में ये आपदा प्रबंधन से लेकर आतंकवाद तक देश के लिए काफी काम का साबित होने वाला है।
Science Desk, Mirror
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