पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने रेल कर्मचारियों का बोनस, एलपीजी और पूर्वोत्तर को लेकर किए महत्वपूर्ण फैसले, पढ़ें पूरी खबर
12 Oct. New Delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज वित्त वर्ष 2021-22 के लिए रेल कर्मचारियों को उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) के भुगतान को कार्योत्तर मंजूरी दे दी है।
पात्र रेल कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दशहरा/पूजा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। इस वर्ष भी लगभग 11.27 लाख अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर पीएलबी राशि का भुगतान किया जा चुका है। प्रति पात्र रेल कर्मचारी को 78 दिनों के लिए दी जाने वाली अधिकतम राशि 17,951 रुपये है। उपरोक्त राशि का भुगतान विभिन्न श्रेणियों में किया गया है। जैसे कि- ट्रैक मेंटेनर, ड्राइवर और गार्ड, स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टेक्नीशियन, टेक्नीशियन हेल्पर, कंट्रोलर, पॉइंट्समैन, मिनिस्टीरियल स्टाफ और अन्य ग्रुप ‘सी’ का स्टाफ। भुगतान किए गए पीएलबी दिनों की वास्तविक संख्या, तय फॉर्मूले के आधार पर निकाले गए दिनों से ज्यादा है। पीएलबी का भुगतान रेलवे के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए रेल कर्मचारियों को प्रेरित करने वाले प्रोत्साहन के रूप में काम करता है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल विपणन कंपनियों (पीएसयू ओएमसी) को 22,000 करोड़ रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि देने के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी है।
ये अनुदान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के बीच वितरित किया जाएगा। घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की आपूर्ति सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों जैसे आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल द्वारा उपभोक्ताओं को सब्सिडाइज्ड कीमतों पर की जाती है।
जून 2020 से जून 2022 की अवधि के दौरान, एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए, घरेलू एलपीजी के उपभोक्ताओं पर इस लागत वृद्धि को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था। ऐसे में इस अवधि के दौरान घरेलू एलपीजी की कीमतों में सिर्फ 72 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इससे इन ओएमसी कंपनियों को काफी नुकसान हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज एक नई योजना, पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) को वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग के शेष चार वर्षों के लिए मंजूरी दे दी है। 100 प्रतिशत केन्द्रीय वित्त पोषण के साथ पीएम-डिवाइन नाम की नई योजना केन्द्रीय क्षेत्र की एक योजना है और इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय (डोनर) द्वारा लागू किया जाएगा।
नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने सार्वजनिक-निजी-साझेदारी (पीपीपी) मोड के तहत टूना-टेकरा, दीनदयाल पोर्ट पर कंटेनर टर्मिनल को बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर विकसित करने को मंजूरी दी है।कंसेसियनार के तौर पर अनुमानित लागत 4,243.64 करोड़ रुपये होगी और आम उपयोगकर्ता सुविधाओं के विकास के लिए आम उपयोगकर्ता सुविधाओं की अनुमानित लागत 296.20 करोड़ रुपये कंसेशनिंग अथॉरिटी की ओर से होगी।इस परियोजना के चालू होने से, यह कंटेनर कार्गो यातायात में भविष्य के विकास की जरूरत को पूरा करेगा। 2025 से, 1.88 मिलियन टीईयू का शुद्ध अंतर उपलब्ध होगा, जिसे टूना-टेकरा में एक अत्याधुनिक कंटेनर टर्मिनल विकसित होने से पूरा किया जा सकता है। यह बंद कंटेनर टर्मिनल रणनीतिक तौर पर लाभदायक साबित होगा, क्योंकि भारत के उत्तरी भाग (जम्मू- कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान) के विशाल भीतरी इलाकों की जरूरत पूरी होगी।
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