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मोदी कैबिनेट ने केन्द्रीय कर्मचारियों और किसानों को दिया तोहफा, लिए 4 बड़े फैसले

मोदी कैबिनेट ने केन्द्रीय कर्मचारियों और किसानों को दिया तोहफा, लिए 4 बड़े फैसले

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by October 18, 2023 News

18 Oct. 2023. New Delhi. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्‍द्र सरकार के कर्मचारियों को 01 जुलाई 2023 से महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने की मंजूरी दे दी है जो मूल्य वृद्धि की भरपाई के लिए मूल वेतन/पेंशन की 42 प्रतिशत की मौजूदा दर पर 4 प्रतिशत की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। यह बढ़ोतरी स्वीकृत फॉर्मूले के मुताबिक है, जो 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण राजकोष पर संयुक्त प्रभाव प्रति वर्ष 12,857 करोड़ रुपये होगा। इससे केन्‍द्र सरकार के करीब 48.67 लाख कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दाल (मसूर) के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल और इसके बाद रेपसीड एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है। गेहूं और कुसुम में से प्रत्येक के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। जौ और चने के लिए क्रमश: 115 रुपये प्रति क्विंटल और 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सभी पात्र गैर-राजपत्रित रेल कर्मचारियों अर्थात् ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, टेक्नीशियन , टेक्नीशियन हेल्पर, प्वाइंट्समैन, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और अन्य ग्रुप ‘सी’ कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों के अतिरिक्त) को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) को मंजूरी प्रदान की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज लद्दाख में 13 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिए हरित ऊर्जा गलियारा (जीईसी) चरण- II – अंतर-राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) परियोजना को स्वीकृति दी।

वित्त वर्ष 2029-30 तक स्थापित होने वाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 20,773.70 करोड़ रुपये है। परियोजना को केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) के रूप में 40 प्रतिशत यानी 8,309.48 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।

लद्दाख क्षेत्र के जटिल भू-भाग, प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों और रक्षा सीमाओं की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) इस परियोजना को लागू करने वाली एजेंसी होगी। अत्याधुनिक वोल्टेज सोर्स कन्वर्टर (वीएससी) आधारित हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) सिस्टम और एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज अल्टरनेटिंग करंट (ईएचवीएसी) प्रणाली लगाई जाएगी।

बिजली ट्रांसमिशन लाइन हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होकर हरियाणा के कैथल तक जाएगी, जहां इसे राष्ट्रीय ग्रिड के साथ जोड़ा जाएगा। लेह में इस परियोजना से मौजूदा लद्दाख ग्रिड तक इंटरकनेक्शन की भी योजना बनाई गई है ताकि लद्दाख को विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इसे जम्मू-कश्मीर को बिजली प्रदान करने के लिए लेह-अलुस्टेंग-श्रीनगर लाइन से भी जोड़ा जाएगा। इस परियोजना में पांग (लद्दाख) और कैथल (हरियाणा) में 713 किमी ट्रांसमिशन लाइनें (480 किमी एचवीडीसी लाइन सहित) और 5 गीगावॉट क्षमता वाले हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट टर्मिनल की स्थापना शामिल होगी।

यह परियोजना वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से 500 गीगावॉट स्थापित बिजली क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगी। इससे देश की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा विकसित करने और कार्बन उत्‍सर्जन कम करके पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में बिजली और अन्य संबंधित क्षेत्रों में कुशल और अकुशल दोनों कर्मियों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के कई अवसर सृजित होंगे।

यह परियोजना अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर चरण-II (एसटीएस जीईसी-II) के अतिरिक्त है, जो पहले से ही गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश राज्यों में ग्रिड एकीकरण और बिजली से ग्रिड तक पहुंचाने के क्रम में है। वर्ष 2026 तक 20 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त होने की उम्मीद है। आईएनएसटीएस जीईसी-II योजना में 10753 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें और 27546 मेगा वोल्ट एम्प (एमवीए( सबस्टेशनों की क्षमता जोड़ने का लक्ष्य है। इसकी अनुमानित लागत 12,031.33 करोड़ रुपये और सीएफए 33 प्रतिशत दिया जाएगा यानी परियोजना के लिए कुल 3970.34 करोड़ रुपये सीएफए के अंतर्गत प्रदान किए जाएंगे।

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