उत्तराखंड में किसानों के लिए कृषि उपकरण सस्ते और खरीदना आसान, पढ़िए कैसे ?
उत्तराखण्ड सरकार उन किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। जिनके पास खेती करने के लिए मशीन और उपकरण नहीं है। इसके लिए राज्य सरकार ने ‘फार्म मशीनरी बैंक’ योजना की शुरुआत की है। जिसके तहत राज्य के किसान खुद अपना समूह बनाकर ‘फार्म मशीनरी बैंक’ की स्थापना करेंगे। इस योजना का शुभारम्भ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परेड ग्राउण्ड देहरादून में आयोजित किसान मेले से किया। ‘फार्म मशीनरी बैंक’ योजना के तहत खेतीबाड़ी के उपकरण खरीदने के लिए उत्तराखण्ड सरकार 80 फीसदी तक सब्सिडी मुहैया करायेगी। जिससे छोटे-बड़े सभी किसानों को मशीन, संयंत्र और अन्य उपकरण किराये पर लेने में आसानी हो सकेगी।
‘फार्म मशीनरी बैंक’ की स्थापना के लिए राज्य सरकार 80 फीसदी सहयोग तो करेगी ही लेकिन इसी के साथ 10 प्रतिशत संबंधित लाभार्थी समूह को लागत खुद लगानी होगी। मशीनों के रख-रखाव व आरटीओ के पंजीयन तथा बीमा आदि पर आने वाले खर्च की व्यवस्था लाभार्थी समूह को खुद करनी होगी। इसके अलावा लाभार्थी के पास खुद की जमीन होनी चाहिए, ताकि विभाग इस भूमि पर शेड का निर्माण करा सके। योजना के अन्तर्गत प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर 10 किसानों का एक समूह का निर्माण किया जायेगा। अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद किसान समूह अपने-अपने क्षेत्र के किसानों की जरूरत के अनुसार कृषि मशीन व उपकरण खरीदने का प्रस्ताव बनाकर कृषि विभाग को देंगे। फिर विभाग, समूह के खाते में डीबीटी के जरिये धन उपलब्ध करवायेगा, जिससे यंत्र खरीदे जा सकेंगे। फार्म मशीनरी बैंक के लिये जो कृषि यंत्र दिलवाये जायेंगे उनमें ट्रैक्टर, रोटा वेटर, थ्रैसर, सीड ड्रिल, पावर ट्रिलर, जीरोट्रिल सीड ड्रिल, डिस्कबंड फार्मर, पावर स्प्रेयर, नैपसेक स्प्रेयेर, सिंचाई पाइप, पंपसेट आदि शामिल हैं। कृषि विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर केसी पाठक ने बताया कि उत्तराखंड में फार्म मशीनरी बैंक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 30 करोड़ रूपये की राशि जारी कर दी है। इससे प्रदेश में 300 मशीनरी बैंक स्थापित होंगी। प्रत्येक बैंक पर 10 लाख रुपये खर्च होंगे। इसमें 80 प्रतिशत सब्सिडी यानि 8 लाख रुपये राज्य सरकार की तरफ से मुहैया कराया जायेगा।
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