दिल्ली में सीएम धामी, पढ़िए किस-किससे हुई मुलाकात, क्या हुई बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार 15 जुलाई को मुख्यमंत्री बनने के बाद दुबारा दिल्ली के दौरे पर पहुंचे, सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री, रेलवे, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी श्री अश्विनी वैष्णव जी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड से संबंधित विभिन्न रेल परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने रूड़की देवबन्द परियोजना में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वर्तमान तक दिये गये रू0 296.67 करोड़ की धनराशि के अंशदान को पर्याप्त मानते हुए परियोजना के अवशेष कार्यों का वित्त पोषण रेल मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा किये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक उद्देश्य और सीमांत जनपदों के विकास की आवश्यकता को देखते हुए टनकपुर बागेश्वर रेलवे लाईन का नैरोगेज की बजाय ब्राडगेज लाईन का सर्वे किया जाए। मुख्यमंत्री ने इसके फाईनल लोकेशन सर्वे की स्वीकृति के साथ ही ऋषिकेश- उत्तरकाशी रेल लाईन निर्माण की स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार- देहरादून रेलवे लाईन का दोहरीकरण के लिए 1024 करोङ रूपए की डीपीआर के साथ ही डोईवाला से ऋषिकेश हेतु सीधी रेल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रायवाला रेलवे स्टेशन पर डायवर्जन लाईन का निर्माण को जल्द स्वीकृति देने का भी आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री ने अपने अधिकारियों को इन दोनों प्रस्तावों पर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास के लिये राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार, उत्तराखण्ड को पर्यटन, तीर्थाटन के साथ ही साहसिक खेलों के विश्व स्तरीय केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, मुख्यमंत्री के अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार व पर्यटन मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे।
इसके बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत व एनटीआरओ के चीफ अनिल धस्माना ने उत्तराखण्ड सदन, नई दिल्ली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। जनरल बिपिन रावत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मध्य उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। विशेष तौर पर सीमांत क्षेत्रों के विकास पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की सीमाएं चीन व नेपाल से लगने के कारण यहां के सामरिक महत्व को देखते हुए राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में बार्डर एरिया विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाए। विशेष तौर पर सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने की योजनाओं पर काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रणनीतिक महत्व को देखते हुए सङको व पुलों के निर्माण के लिए जरूरी औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बाहर से आने वाले संदिग्ध लोगों के पुलिस सत्यापन पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से भी संवेदनशील राज्य है। आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्यों में सेना ने सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य सरकार व सैन्य प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय है। मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड के कारण नहीं हो पाई भर्ती रैलियों को दुबारा शुरू किये जाने का अनुरोध किया। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया, एनटीआरओ चीफ श्री अनिल धस्माना ने कहा कि उत्तराखण्ड में ड्रोन टेक्नोलॉजी के विकास के लिए पूरी सहायता दी जाएगी।
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