बीबीसी पत्रकार सहित 10 पत्रकार मारे गए, अफगानिस्तान तीन धमाकों से दहला
अफगानिस्तान में आज तीन अलग-अलग धमाकों में 50 लोगों की जान गई है। पहले दो बम धमाके काबुल में हुए थे। इन में 10 मीडियाकर्मियों समेत 29 लोग मारे गए, मरने वालों में बीबीसी और एएफपी के पत्रकार भी शामिल हैं। वहीं तीसरा बम धमाका कंधार प्रांत के एक मदरसे में हुआ है। पुलिस का कहना है कि इन धमाकों में मरने वालों की संख्या अभी बढ़ भी सकती है। दरअसल सोमवार का दिन अफगानिस्तान के लिए धमाकों से भरा रहा और एक के बाद तीन अलग अलग धमाकों ने करीब 50 लोगों की जान ले ली जिसमें पत्रकार , बच्चे और आम नागरिक शामिल हैं । पहला आत्मघाती हमला मध्य शास डराक क्षेत्र में हुआ। यहां नाटो के मुख्यालय सहित कई दूतावास हैं। इसके साथ ही वहां पर एनडीएस खुफिया सेवा का ऑफिस है । दूसरा हमला शहरी विकास और आवास मंत्रालय के मुख्यालय के बाहर हुआ । पहले हमले के तुरंत बाद दूसरा हमला हुआ जिसमें पत्रकारों को निशाना बनाया गया । अधिकारियों के मुताबिक दूसरा हमलावर पैदल आया था। पहले हमले के बाद घटना की रिपोर्टिंग करने आए संवाददाताओं की भीड़ में वह पत्रकार के वेश में था। हमले में एएफपी के मुख्य फोटोग्राफर शाह मरई और पांच अन्य पत्रकारों सहित कम से कम 25 लोगों की मौत हो गयी। हमले में 49 लोग घायल हुए हैं। मरनेवालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। एएफपी ने अपने मुख्य फोटोग्राफर मरई सहित , वन टीवी के दो पत्रकार , टोलो न्यूज के एक पत्रकार और जहां टीवी के एक पत्रकार और बीबीसी के एक पत्रकार के मारे जाने की पुष्टि की है। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। एक बयान में उसने कहा है कि उसके दो आत्मघाती हमलावरों ने हमले को अंजाम दिया । इस बीच दोपहर बाद अफगानिस्तान में एक विदेशी काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ जिसमें 11 बच्चों की मौत हो गयी ।गौरतलब है कि इस्लामिक स्टेट समूह के स्थानीय सहयोगी संगठन और तालिबान देशभर में लगातार हमले कर रहे हैं । तालिबान के साथ-साथ इस्लामिक स्टेट के हमले पिछले कुछ महीनों में अफगानिस्तान में बढ़ रहे हैं और ये वैश्विक आतंकवाद के लिहाज से काफी चिंता पैदा कर रहा है।
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