घर बैठे लीजिए कश्मीरी खानपान की खुशबू, ऐसे-ऐसे पकवान दिल रोमांचित हो जाएगा
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कश्मीरी खानपान का एक दिलचस्प पहलू यह है कि उसकी दो मुख्य धाराएं हैं। पेशेवर बावर्ची ‘वाजा’ कहलाते हैं और जो कुछ वह पकाते या परोसते हैं, उसे ‘वाजवान’ का नाम दिया जाता है। हिंदू ब्राह्मण और मुसलमान आबादी के व्यंजनों में कुछ समानता भी दिखाई देती है और फर्क भी साफ नजर आता है। ‘दुंबा’ यानी भेड़ का चरबीदार गोश्त दोनों समुदायों को समान रूप से प्रिय है और सौंफ, सौंठ जैसे मसाले भी। वहीं, शोरबेदार मांस में दही का प्रयोग आम है और जो बड़ा अंतर है, वह प्याज को लेकर है।
पंडित पाक विधि में लहसुन एवं प्याज वर्जित है। लहसुन की महक और स्वाद का पुट देने के लिए हींग का इस्तेमाल करते हैं। मांस को सरसों के तेल में पकाया जाता है। अनेक ऐसे व्यंजन हैं, जो देखने में एक जैसे लगते हैं, पर जिनके नाम ही नहीं स्वाद और रंगत भी अलग होती है- जैसे गुश्ताबा, रिस्ता, तबक माज, कबरगाह आदि। जो मांसाहारी व्यंजन सबसे मशहूर है, वह ‘रोगन जोश’ है।
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