बहुत जरूरी है समय-समय पर पलक झपकाना, ना झपकाने से क्या हो सकता है जानिए
आज के समय में लोग हर समय मोबाइल और टीवी से चिपके रहते हैं और ऐसे में सबसे ज्यादा जोर पड़ता है आंखों पर, उस पर भी अगर आप पलक कम झपकाते हैं या बहुत देर में झपकाते हैं तो आपको आंखों की गंभीर समस्या हो सकती है। आपकी आंखें कमजोर हो सकती हैं साथ ही आपको रात को कम दिखाई देने की समस्या हो सकती है, आपकी दूर की या नजदीक की नजर भी कम हो सकती है। मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि इसके लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन अगर आप कुछ सावधानी बरतें तो रात में देखने की क्षमता के बढ़ाने के साथ-साथ आप अपनी आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं . पढ़िए इसके लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं……
1….रात के वक्त अधिक चमकीली रोशनी से बचें। चमकीली रोशनी तब और अधिक नुकसानदेह हो जाती है जब आप अंधेरे से उजाले में आते हैं। इसलिए अपने घर में अधिक चमकदार लाइट का प्रयोग न करें। अगर कहीं जा रहे हैं तो गाड़ी की लाइट, स्ट्रीट लाइट को न देखें।
2… आंखों में भी तरल पदार्थ होता है और इससे इन्हें राहत भी मिलती है। आंखों के तरल पदार्थ के सूखने से आंखों में लालिमा, खुजली और दर्द की समस्या हो सकती है। पलक झपकाते रहने से आंखों में तरल पदार्थ कम नहीं होता। इसलिए काम के दौरान भी आंखों की नमी का खयाल रखें।
आंखों का व्यायाम करने से देखने की क्षमता बढ़ती है। इसलिए शारीरिक व्यायाम की तरह आंखों के लिए भी व्यायाम करें। आंखों के व्यायाम कई तरह के हो सकते हैं। काम के दौरान भी आंखों को एक ही जगह न रखें। काम के साथ-साथ 20-30 मिनट बाद आंखों को एक जगह से हटाकर इधर उधर देखते रहें।
3…यादि आप कम्प्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो उसकी ब्राइटनेस को कम करके रखें। इससे आपकी आंखों को ज्यादा जोर नहीं लगाना पडेगा और स्क्रीन की तेज रोशनी से आंखों को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा और आंखों की रोशनी कम नहीं होगी।
4….रात में ही नहीं अगर आप दिन में भी काम कर रहे हैं तो आंखों को आराम देने के लिए नियमित अंतराल पर ब्रेक लेते रहें। प्रत्येक एक घंटे के काम के बाद लगभग 10 मिनट का ब्रेक जरूर लें। तनाव से बचाव बहुत जरूरी है, यह अन्य बीमारियों का कारण तो बनता है साथ ही आंखों की रोशनी को भी प्रभावित करता है। अधिक देर टीवी देखने, मोबाइल में देर तक गेम खेलने से आंखों में तनाव हो जाता है। इससे बचाव करना बहुत जरूरी है।
5…अगर आप अंधेरे से रोशनी में जा रहे हैं तब भी आंखों का खयाल रखें। अचानक अंधेरे से रोशनी में जाने के बाद लगभग 10 सेकेंड तक अपनी आंखों को बंद रखें फिर आंखें खोलें। इसका मनोवैज्ञानिक असर होता है और अचानक रोशनी के संपर्क में आने के बाद आंखों की रोशनी भी कम नहीं होती।
6…खानपान का असर भी आंखों पर पड़ता है। हफ्ते में कम से कम तीन दिन मछली का सेवन करें। इसके सेवन से आंखों में ड्राई-आई सिंड्रोम की समस्या दूर होती है। इसके अलावा पालक का सेवन करें यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। अंडे को भी आहार में शामिल कीजिए क्योंकि इससे ल्यूटिन और जियाक्साथिन मिलता है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।
7….आंखों के लिए विटामिन ए सबसे महत्वपूर्ण विटामिन होता है, इसलिए पालक, पुदीना, मेथी, बथुआ, सेमी बींस, आदि का सेवन करें। विटामिन सी के सेवन से आंखों की रोशनी बढती है। अमरूद, संतरे, अनानास, तरबूज और अंगूर में विटामिन ए और सी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। कभी-कभी खीरे को काटकर अपनी आंखों के ऊपर रखें इससे आपको काफी सुकून महसूस होगा।
Health Desk, Mirror