उत्तराखण्ड में निराश्रित गौवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाले मानदेय देशभर के अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक
3 December. 2024. Dehradun. उत्तराखण्ड में निराश्रित गौवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाले मानदेय देशभर के अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने गौसदनों के निर्माण के सम्बन्ध में बैठक ली
नगर पालिकाएं प्रत्येक माह निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या की समीक्षा, माॅनिटरिंग एवं गौसदनों में भेजने की पुख्ता व्यवस्था करेगी
गौसदनों के संचालन एवं रखरखाव की निरन्तर माॅनिटरिंग की जाएगी
सीएस ने सभी गौवंशीय पशुओं की अनिवार्य जियोटैगिंग के निर्देश दिए
गौवंशीय पशुओं जानकारी के सम्बन्ध में डैशबोर्ड एवं एप्प जल्द होगा लाॅन्च
उत्तराखण्ड में निराश्रित गौवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाले मानदेय देशभर के अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक है। यह प्रतिदिन 80 रूपये प्रति पशु है। इसके बावजूद आमजन को सड़कों पर निराश्रित गौवंशीय पशुओं की समस्या से पूरी तरह से निजात दिलवाने को लेकर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिव शहरी विकास को नगर पालिकाओं द्वारा प्रत्येक माह शहरी क्षेत्रों में सड़कों में पाए जाने वाले निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या की समीक्षा, माॅनिटरिंग एवं उन्हें गौसदनों में भेजने की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में आयोजित उत्तराखण्ड एनिमल वेल्फेयर बोर्ड की गौसदनों के निर्माण से सम्बन्धित बैठक में सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने शहरी विकास विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों स्थापित किए जाने वाले 36 गौसदनों के निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। शहरी विकास विभाग द्वारा राज्य के 13 जिलों में 36 गौसदनों हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है तथा 13 गौसदनों का निर्माण कार्य जारी है। मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जाने वाले 26 गौसदनों के निर्माण कार्य को भी शीघ्र आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विभाग को मिसिंग लिंक के माध्यम से 10 करोड़ की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इस सम्बन्ध में पंचायती राज विभाग द्वारा भूमि चिन्हीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है।
बेसहारा गौवंशीय पशुओं की समस्या के दीर्घकालीन समाधान में आधुनिक तकनीकी व आईटी के उपयोग पर बल देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य के सभी गौवंशीय पशुओं की अनिवार्य जियोटैगिंग के साथ ही इस सम्बन्ध जल्द लाॅन्च होने वाले एप्प एवं डैशबोर्ड में प्रत्येक गौवंशीय पशु की आयु, चिकित्सा व अन्य जानकारी से सम्बन्धित डाटा एनालिसिस के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निराश्रित पशुओं की देखभाल में गौसेवक योजना को महत्वपूर्ण बताया तथा इसके अधिकाधिक विस्तार के निर्देश दिए हैं।
निर्माणधीन एवं पहले से ही संचालित गौसदनों के संचालन एवं रखरखाव की निरन्तर माॅनिटरिंग की सख्त हिदायत देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने गौसदनों में गौवंश हेतु चारा, भूसा, प्रकाश, चिकित्सा, सुरक्षा एवं दवाईयों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देश दिए हैं। उन्होंने गौसदनों के नियमित निरीक्षण के भी निर्देश दिए हैं।
उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जानकारी दी गई है कि राज्य में वर्तमान में निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या 20887 है।
इस अवसर पर सचिव डा0 बीवीआरसी पुरूषोत्तम, नितेश झा, चंद्रेश कुमार, वी षणमुगम सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
In Uttarakhand, the honorarium given to those who adopt destitute bovine animals is the highest compared to other states in the country
Chief Secretary Smt. Radha Raturi held a meeting regarding the construction of Gaushalas
Municipalities will make arrangement to review, monitor and send the number of stray animals to Gaushalas every month
Continuous monitoring of the operation and maintenance of Gaushalas will be done
CS directed for mandatory geotagging of all bovine animals
Dashboard and app will be launched soon regarding bovine animal information
In Uttarakhand, the honorarium given to those who adopt destitute bovine animals is the highest compared to other states in the country. It is Rs. 80 per animal per day. Despite this, to completely rid the problem of destitute bovine animals on the roads, Chief Secretary Smt. Radha Raturi has instructed the Secretary Urban Development to review, monitor the number of destitute bovine animals found on the roads in urban areas by the municipalities every month and make arrangement to send them to the Gaushalas.
In the meeting related to the construction of Gaushalas of Uttarakhand Animal Welfare Board held in the Secretariat, CS Smt. Radha Raturi has instructed the Urban Development Department to complete the construction work of 36 Gaushalas to be established in urban areas soon. The Urban Development Department has identified land for 36 Gaushalas in 13 districts of the state and the construction work of 13 Gaushalas is in progress. The Chief Secretary has also directed the Panchayati Raj Department to start the construction work of 26 Gaushalas to be set up in the rural areas of the state soon. For this, an amount of Rs 10 crore has already been released to the department through the missing link. In this regard, the work of land identification has been completed by the Panchayati Raj Department.
Emphasizing on the use of modern technology and IT in the long-term solution of the problem of destitute bovine animals, Chief Secretary Smt Radha Raturi has instructed for mandatory geotagging of all bovine animals in the state as well as data analysis related to the age, medical and other information of each bovine animal in the app and dashboard to be launched soon in this regard. She described the Gausevak Yojana as important in the care of destitute animals and instructed for its maximum expansion.
Giving strict instructions for continuous monitoring of the operation and maintenance of the cow shelters under construction and already operational, Chief Secretary Smt. Raturi has instructed to ensure adequate arrangements of fodder, straw, light, security and medicines for the cows in the cow shelters. She has also instructed for regular inspection of the cow shelters.
It has been informed by the Uttarakhand Animal Welfare Board that the number of stray animals in the state at present is 20887.
On this occasion, Secretary Dr. BVRCC Purushottam, Shri Nitesh Jha, Shri. Chandresh Kumar, Shri. V. Shanmugam and officials of the concerned departments were present.
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