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Dehradun मुख्यमंत्री ने देहरादून के प्रेमनगर में बहुद्देशीय क्रीड़ा भवन का लोकार्पण किया, 63.39 लाख की लागत से हुआ है निर्माण

Dehradun मुख्यमंत्री ने देहरादून के प्रेमनगर में बहुद्देशीय क्रीड़ा भवन का लोकार्पण किया, 63.39 लाख की लागत से हुआ है निर्माण

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by January 22, 2021 News

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को प्रेमनगर, देहरादून में 63.39 लाख की लागत से निर्मित बहुद्देशीय क्रीडा भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रेमनगर में मिनी स्टेडियम बनाये जाने की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पिछले पौने चार साल में हर क्षेत्र में राज्य के विकास पर ध्यान दिया गया है। अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए तक निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। अटल आयुष्मान योजना में नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा देते हुए देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पताल इसमें सूचीबद्ध हैं। राज्य में हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया गया है। वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में केवल 02 जनपदों में आईसीयू वार्ड की व्यवस्था थी अब राज्य में 27 आईसीयू वार्ड हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन पाइप की पर्याप्त व्यवस्था है। 2017 में राज्य में 1024 डॉक्टर थे, वर्तमान में 2400 डॉक्टर हैं जबकि 720 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। आज सभी जिला अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा उपलब्ध है। जल्द ही लगभग 2500 नर्सों की भर्ती की जायेगी। पानी के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाई गई। सूर्याधार झील बनकर तैयार है, दीर्घकाल तक यह पेयजल एवं सींचाई के लिए आपूर्ति करेगा और करोड़ों रूपये की बिजली की बचत होगी। सौंग बांध का शिलान्यास जल्द किया जायेगा। इसके बनने से देहरादून को दीर्घ अवधि तक ग्रेविटी वाटर उपलब्ध होगा। इससे 100 करोड़ से अधिक वार्षिक बिजली का खर्चा बचेगा। मलढूंग बांध से सहसपुर एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में जलापूर्ति बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। 2022 तक सभी 14 लाख परिवारों को इस योजना से आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। शहरी गरीबों को भी मात्र 100 रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जायेगा। स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख तक एवं किसानों को 03 लाख रूपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। राज्य में कुपोषित बच्चों को गोद लेने की प्रथा शुरू की गई। इसके काफी अच्छे परिणाम रहे, अनेक बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए। स्वास्थ्य, शिक्षा पेयजल एवं यातायात की दिशा में अनेक प्रयास किये गये। राज्य में महिलाओं के सिर से घास की गठरी का बोझ हटे, इसके समाधान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए अधिकारियों को ठोस नीति बनाने के निर्देश दिये गये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी में सुधार के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। सभी 670 न्याय पंचायतों पर रूरल ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। अभी तक 107 रूरल ग्रोथ सेंटर बनाये जा चुके हैं।

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