मां पूर्णागिरि धाम मेले का हुआ उद्घाटन, पहले दिन डेढ़ लाख के करीब भक्त पहुंचे, पढ़िए इस शक्तिपीठ के बारे में
उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में आज मेले का उद्घाटन हुआ, पहले दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। पहले दिन करीब डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु धाम पहुंचे। शुक्रवार रात 8 बजे से पूर्णागिरि मार्ग में भारी भीड़ के कारण जाम लगा रहा जो शनिवार दोपहर तक जारी था।
पूर्णागिरि माता का मंदिर उत्तराखंड में टनकपुर से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, माँ पूर्णागिरि का मंदिर चंपावत जिले में समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। माँ पूर्णागिरि का मंदिर काली नदी के तट पर स्थित है जो की 108 सिद्ध पीठों में से एक है। हर साल नवरात्र के दौरान (मार्च के महीने में) यहां मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में आस-पास के इलाकों और दूसरे प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी पूर्णागिरि के दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते हैं।
यहाँ ऐसी मान्यता है की जब भगवान शिव तांडव करते हुए यज्ञ कुंड से सती के शरीर को लेकर आकाश गंगा मार्ग से जा रहे थे , तब भगवान विष्णु ने तांडव नृत्य से क्रोधित होकर सती के शरीर के अंग के टुकड़े कर दिए जो आकाश मार्ग से पृथ्वी के अलग अलग स्थानों में जा गिरे | ऐसी मान्यता है कि इन जगहों में ही माता शेरवाली, महरवाली, नैना देवी और अन्य देवियों का वास हुआ। कथा के अनुसार जहांं- जहांं देवी के अंग गिरे वही स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गए । ऐसी मान्यता है माता सती का “नाभि” अंग “पूर्णा” पर्वत पर गिरा और तभी से पूर्णा पर्वत में माँ “पूर्णागिरी मंदिर” की स्थापना हुई ।
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Mirror News